Agra. राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सुंदर रानी धर्मार्थ चिकित्सालय के ग्राउंड पर एनएसएस के छात्रों का सात दिवसीय शिविर चल रहा है। इस शिविर के दौरान एनएसएस छात्रों की ओर से बापू बाजार का आयोजन किया गया। इस बाजार के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को कपड़े देने के साथ-साथ उनकी शिक्षा व दैनिक उपयोग से संबंधित वस्तुओं को मात्र एक, दो और तीन रुपए में दिया गया। इस बाजार के आयोजन से सभी लोग काफी उत्साहित नजर आए।
एनएसएस छात्रों की ओर से बापू बाजार का आयोजन किया गया था। इस बाजार में कपड़ों के साथ-साथ खानपान की सारी वस्तुएं मौजूद थी। कैडेट्स ने अपने छोटे कपड़ों को जो पहनने लायक थे, उन्हें गरीब व जरूरतमंद बच्चों को दिए और उनके बदले उनसे एक या दो रुपए लिए। जिससे उन बच्चों या फिर उनके परिवार को ऐसा न लगे कि उन्हें यह कपड़े और जरूरत का सामान उनकी गरीबी देखकर भीख में दिया गया है। एनएसएस कैडेट्स का कहना था कि हर व्यक्ति समान है बस आर्थिक संपन्नता ने उसे गरीबी और अमीरी का भेदभाव दे दिया है जिसे हमें हर कीमत पर मिटाना होगा।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से छात्राओं का सर्वांगीण विकास कराना है जिससे उन्हें हर स्थिति व परिस्थिति में रहना आ सके। जरूरत पड़ने पर देश के कैसे कमाए यह भी इस शिविर में इन बच्चों को सिखाया जा रहा है। एक ऐसे मोहल्ले में भी इन छात्रों ने काम किया है जहां गंदगी थी। वहां दैनिक सफाई कर कर उसे स्वच्छ बनाया है, साथ में लोगों को सामाजिक बुराइयों को छोड़ने के लिए भी प्रेरित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि एनएसएस छात्रों ने गरीब लोगों की मदद करने का संकल्प लिया था। इसीलिए बापू बाजार लगाने का आइडिया भी इन्हीं छात्रों का था। इन्होंने बापू बाजार लगाकर लोगों की मदद करने का काम किया है। सभी बच्चे अपने घर से पुराने कपड़ों को धो कर लाए और जरूरतमंद गरीब बच्चों को दिए गए। यह कपड़े पूरी तरह से स्वच्छ और पहनने लायक थे। इसीलिए इन कपड़ों के बदले बच्चों ने एक या दो रुपये कीमत अदा करके अपना सम्मान रखा है और मनोबल भी बढ़ाया।