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अब आगरा में भी शाहीन बाग, सीएए-एनआरसी के विरोध में उतरी मुस्लिम महिलाएं

by admin

आगरा। नागरिकता संशोधन क़ानून (सी.ए.ए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एन.आर.सी) व नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एन.पी.आर) को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन की चिंगारी अब आगरा में लग चुकी है। सी.ए.ए, एन.आर.सी और एन.पी.आर के विरोध में आगरा शहर की मुस्लिम महिलाएं व छात्राएं भारी संख्या में
शहीद स्मारक पर पहुँचे। यहां पर मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने धरना दिया। धरने में शामिल महिलाओं ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सी.ए.ए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एन.आर.सी) व नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एन.पी.आर) का जमकर विरोध किया। हाथों में नो सीएए, नो एनआरसी और नो एनपीआर की लिखी तख्तियां लेकर सभी ने जमकर नारेबाजी की और सरकार से इन बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की।

आपको बताते चले कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन चल रहे हैं लेकिन दिल्ली के शाहीन बाग इकलौती एक ऐसी जगह है जहाँ सी.ए.ए, के साथ एन.आर.सी और एन.पी.आर के विरोध में प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को मुस्लिम महिलाओं द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है। अब इस प्रदर्शन की चिंगारी आगरा भी आ पहुँची है। शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने और सी.ए.ए, के साथ एन.आर.सी और एन.पी.आर के विरोध में अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए आगरा की मुस्लिम महिलाएं और छात्राए आगे आई है।

सी.ए.ए, एन.आर.सी और एन.पी.आर के विरोध में शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं का कहना था कि देश की जनता इस काले कानून का विरोध कर रही है लेकिन यह गूंगी बहरी सरकार के कानो तक जनता की आवाज नहीं पहुंच रही है या फिर वह जनता की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। इसलिए सी.ए.ए,एन.आर.सी और एन.पी.आर का विरोध किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारी अरीबा का कहना था कि शाहीन बाग में सी.ए.ए, एन.आर.सी और एन.पी.आर के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। सी.ए.ए, के साथ एन.आर.सी और एन.पी.आर को जनता स्वीकार नही कर रही है लेकिन फिर भी तानाशाही सरकार इसको लागू कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नही किया जाएगा।

छात्रा यास्मीन का कहना था कि जबतक सरकार उनकी मांगे नही मानेगी तो शाहिद स्मारक पर शाहीन बाग की तरह ही अनिश्चित कालीन प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी शुरुआत आज से कर दी गयी है।

छात्राओं के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेत्री शबाना खंडेलवाल मौके पर पहुँच गयी। उन्होंने इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया और सराकर की तानाशाही के विरोध में उसके साथ खड़े होने की बात कही।

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