उत्तर प्रदेश में पारा 43 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक पहुंच चुका है, जिसका प्रभाव इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में वन्यजीव संरक्षण संस्था- वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपनी देख-रेख में रह रहे हाथियों और भालूओं को भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए अनोखे प्रयास किए हैं।
पूरे उत्तर प्रदेश में तापमान बढ़ने के साथ, वन्यजीव संरक्षण एनजीओ- वाइल्डलाइफ एसओएस ने उनके द्वारा बचाए गए हाथियों और भालुओं को गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए अनूठे उपाय अपनाए हैं।
जानवरों को पानी में डुबकी लगा कर अपने आप को ठंडा रखने के लिए हर बाड़े में पानी के पूल उपलब्ध हैंम इसी के साथ-साथ बाड़े की ज़मीन को नरम और ठंडा रखने के लिए वॉटर स्प्रिंकलर (पानी के फुव्वारे) भी लगे हुए हैं। मथुरा में संस्था के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र और हाथी अस्पताल परिसर में, सभी 29 हाथियों को हर सुबह नहलाया जाता है, जिसके बाद यह हाथी अपने विशाल बाड़ों में जंबो पूल का लुफ्त उठाते हैं। जहां उम्रदराज़ हाथी ठंडे ताज़ा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद करते हैं। वहीँ कुछ हाथी जैसे की, चंचल, पीनट, कोकोनट, लक्ष्मी पूल में चारों ओर घूमती हैं और पानी में अठ्खेलियाँ भी करती हैं। हाथियों को दिन में अपनी पीठ पर कीचड़ और धूल फेंकने में भी मजा आता है। यह प्राकृतिक सनस्क्रीन की तरह काम करता है और उनकी त्वचा को कड़ी धूप से बचाता है।
![NGO adopts unique measures to provide relief to elephants and bears amid rising heat](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2022/04/हाथी-सरंक्षण-केंद्र-मथुरा-1024x577.jpg)
आगरा भालू संरक्षण केंद्र में, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ बियर रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर है, भालू गर्मियों में ताज़ा फलों और पॉप्सिकल्स का स्वाद ले रहे हैं, यह पॉप्सिकल्स गर्मी को मात देने के लिए बर्फ में जमे हुए रसदार फलों के स्वादिष्ट टुकड़े होते हैं।
भालुओं को खाने में दिए जाने वाले दलिए और पीने के पानी में विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट की खुराक दी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे हाइड्रेटेड रहें। इसके अलावा, अलग-अलग भालूओं के कमरे में कूलर लगे हुए हैं, जो भालूओं के कमरों को ठंडा रखते हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ इलियाराजा ने कहा, “बढती गर्मी को ध्यान में रखते हुए और हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए हम प्रतिदिन विटामिन सप्लीमेंट और इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन दे रहे हैं। इन ग्रीष्मकालीन प्रबंधन उपायों के साथ हमारा प्राथमिक उद्देश्य हाथियों और भालुओं को हमारी देखरेख में उचित व्यवस्था उपलब्ध कराना है। हमने सभी बाड़ों में पर्याप्त छाया और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया है। उनके लिए खाने की भी खास व्यवस्था की गई है।
![NGO adopts unique measures to provide relief to elephants and bears amid rising heat](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2022/04/भालू-संरक्षण-केंद्र-आगरा-1024x692.jpg)
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “यह देख हम आश्वस्त हैं कि हमारे प्रयासों से बचाए गए जानवरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। पशु चिकित्सकों और जानवरों की देखभाल करने वाली हमारी समर्पित टीम यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है कि हाथी और भालू को गर्मियों के दौरान किसी भी तरह की तकलीफ ना हो। ”
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “वाइल्डलाइफ एसओएस का उद्देश्य हमारी देखभाल में रह रहे जानवरों को जीवन भर उच्च स्तरीय पशु चिकित्सा देखभाल, प्रदान करना है। उन्हें पानी में आराम करते या उनके विशेष रसदार फलों के आहार और बर्फ के पॉप्सिकल्स का आनंद लेते हुए देखना हमारे दिलों को खुशी से भर देता है।”