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नगर निगम-जलकल विभाग ने ताजमहल के नाम पर ASI को भेजा 1.97 करोड़ टैक्स भरने का नोटिस

by admin

Agra. ताजमहल से नगर निगम गृह कर वसूला चाहता है तो वहीं जलकल विभाग भी ताजमहल से सीवर और जल टैक्स वसूला चाहता है। इसके लिए नगर निगम और जलकल विभाग की ओर से एएसआई विभाग को नोटिस भी भेज दिए गए हैं। जिसके बाद एएसआई विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। नगर निगम के इन नोटिस का जवाब कैसे दिया जाए इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी जवाब ढूंढ रहे हैं। नगर निगम व जलकल ने ताजमहल के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक के नोटिस भेज दिए हैं। इनमें गृहकर, जलकर और सीवर कर शामिल हैं।

क्या ताजमहल घर है?

क्या ताजमहल भी घर है और क्या इससे भी हाउस टैक्स वसूला जा सकता है? यह सवाल सुनने में अटपटा लगता है लेकिन नगर निगम के लिए ताजमहल घर ही है। इसलिए तो नगर निगम अधिकारियों ने ताजमहल के नाम पर करीब डेढ़ लाख रुपये का गृहकर नोटिस एएसआई अधिकारियों को भेजा दिया है। नोटिस में पंद्रह दिन के भीतर यह गृहकर जमा करने को कहा गया है। नोटिस मिलने से एएसआई के अधिकारी सोच में हैं, क्योंकि पहली बार इस तरह का नोटिस उनके पास आया है।

पहली बार ताजमहल के नाम पर टैक्स

जानकारी के मुताबिक 1920 में ताजमहल को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था। तब से लेकर आजतक यह पहला मौका है जब ताजमहल से गृहकर, सीवर व पेयजल टैक्स जमा करने का नोटिस मिला है। नगर निगम ने यह नोटिस ताज गार्डन को पूर्वी गेट ताजमहल के नाम से जारी किया गया है। एएसआई अधिकारी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि ब्रिटिश काल से लेकर कल तक जिस स्मारक से गृहकर नहीं लिया गया, उससे अब नगर निगम गृहकर जमा करने के लिए नोटिस कैसे भेज सकता है। ताजमहल इस समय भारत सरकार की संपत्ति जबकि एएसआई विभाग तो सिर्फ इस संपत्ति की देखरेख करता है।

क्या कहता है नोटिस

नगर निगम की ओर से एएसआई को जो नोटिस भेजे गए है उसमें ताजमहल पर 31 मार्च, 2022 तक का गृहकर 88,784 रुपये है। गृहकर जमा न होने पर उस टैक्स पर 47,943 रुपये की ब्याज भी दर्शाई गई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 का गृहकर 11,098 रुपये दर्शाया गया है। एक रुपये का शुल्क भी दर्शाते हुए कुल गृहकर एक लाख, 47 हजार, 826 रुपये जमा करने को कहा गया है।

एत्मादउद्दौला को भी भेजा जा चुका है नोटिस

एएसआई अधिकारियों के अनुसार ऐसा ही एक गृहकर का नोटिस एत्मादउद्दौला स्मारक को भी भेजा गया है। संरक्षित स्मारक एत्मादउद्दौला को यह नोटिस एत्मादउद्दौला फोरकोर्ट के नाम से भेजा गया है।

नगर निगम की ओर से भेजे गए नोटिस को लेकर जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग को नगर निगम द्वारा भेजे गए एक नहीं बल्कि दो नोटिस मिले हैं। एक नोटिस गृह कर तो दूसरा जलकल विभाग की ओर से सीवर व पेयजल के लिए टैक्स नोटिस भेजा गया है। इन नोटिसों में दर्शाई गई टैक्स की राशि लगभग एक करोड़ 97 लाख रुपये के आसपास है।

उन्होंने कहा कि उन्हें इससे पहले ऐसा नोटिस उन्हें प्राप्त नही हुआ है। इस नोटिस के बाद उन्होंने अन्य राज्यो में भी पता कराया है तो वहाँ भी आज तक ऐसे टैक्स नोटिस नहीं मिले। उन्हें लगता है कि नगर निगम द्वारा टैक्स गणना के लिए लगाई गई एजेंसी की गलती से ऐसा हुआ होगा।

पुरातत्व विभाग नगर निगम को जवाब भेज कर स्थिति स्पष्ट कर देगा। वैसे भी सभी स्मारक सरकार की सम्पत्ति हैं। एएसआई केवल इनका रखरखाव करती है और एएसआई ने आज तक ऐसा कोई टैक्स जमा भी नहीं किया है।

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