Agra. पिछले दिनों थाना न्यू आगरा दयालबाग से नाटकीय तरीके से हुए नाबालिग अपहरण केस में आगरा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है।पुलिस ने नाबालिग को दिल्ली से बरामद किया है, कानूनी कार्रवाई कर नाबालिग को मेडिकल के लिए भेज दिया है और उसके बाद फिर उसे कोर्ट में पेश कर उसके बयान दर्ज किए जाएंगे। इस पूरे मामले का खुलासा एक प्रेस वार्ता के दौरान आईजी सतीश गणेश ने किया।
एनसीआर के पेइंग गेस्ट से हुई बरामद-
आईजी ए सतीश गणेश ने बताया कि मामला नाबालिग से जुड़ा हुआ था और परिवार के परिजनों ने विशेष समुदाय के मेहताब पर अपहरण करने का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कई टीमों को इस मामले में लगाया गया और लगातार दबिश दी जा रही थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ लोगों तक पहुंचा गया और उसे पूछताछ के बाद नाबालिग को दिल्ली-एनसीआर के थाना तिलक नगर क्षेत्र के एक पेइंग गेस्ट से बरामद किया गया है।
आरोपियों के नाम पर चुप्पी-
आईजी सतीश गणेश ने प्रेस वार्ता के दौरान नाबालिग के अपहरण के मामले में आरोपियों के नाम नहीं खोले। उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, अभी हमारे पास आरोप को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है और लड़की के बयान के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
होंगे कलम बंद बयान-
आईजी सतीश एक गणेश का कहना है कि छात्रा नाबालिग है इसलिए सबसे पहले उसका मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट में नाबालिग जो बयान देगी उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छात्रा नाबालिग है इसीलिए कोर्ट से बाहर उसकी सहमति मायने नहीं रखती।
मेहताब को किया गया था नामजद:-
नाबालिग छात्रा के परिजनों ने इस मामले में मेरठ निवासी मेहताब को नामजद किया था। बताया जाता है कि 2018 में नाबालिग के साथ छेड़खानी की थी और सीसीटीवी फुटेज में जो युवक दिखाई दे रहा था, वह मेहताब जैसा था इसीलिए परिजनों ने मेहताब को नामजद किया था।
अपराध या साजिश:-
पुलिस के लिए नाबालिग का अपहरण मामला सिरदर्द बन गया है। क्योंकि जिस तरह से इस मामले की परतें खुल रही है उससे पुलिस के लिए यह सवाल खड़ा हो रहा है कि इस मामले में अपहरण में कार्रवाई करें या फिर अपराधिक साजिश के तहत। पुलिस का कहना है कि नाबालिगों के कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद कोई उचित कदम उठाया जाएगा।
नाबालिग के दोस्त वारदात में शामिल-
प्रेस वार्ता के दौरान आईजी सतीश गणेश ने आरोपियों के बारे में तो कुछ नहीं बताया लेकिन सूत्रों की मानें तो इस पूरे अपहरण कांड को नाबालिग के दोस्तों ने रचा था। हॉस्पिटल से नाबालिग को बुर्का पहना कर बाहर लाया गया और एक सफ़ेद कार से नाबालिग अपने दोस्त रिंकू और दिव्यांशु के साथ नाबालिग दिल्ली चली गई।
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