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शहीद की पत्नी और परिवार का संघर्ष लाया रंग, पिंकी बघेल को मिली अनुकंपा नौकरी, मुख्यमंत्री ने निभाया अपना वायदा

by pawan sharma

आगरा। काफी जद्दोजहद और आगरा प्रशासन से लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की चौखट तक गुहार लगाने के बाद आखिर कर शहीद देवेंद्र सिंह बघेल के परिजन और उनकी पत्नी की अनुकंपा नौकरी की लड़ाई रंग ले आई है। शहीद देवेंद्र सिंह बघेल की पत्नी पिंकी बघेल को जिला मुख्यालय में नौकरी मिल गयी है। शहीद देवेंद्र सिंह बघेल की पत्नी वीर नारी पिंकी बघेल ने सोमवार को कलक्ट्रेट में कनिष्ठ लिपिक के पद पर अपना कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान वह बेहद ही भावुक नजर आयीं।

सोमवार का दिन शहीद देवेंद्र सिंह के परिवार और खासतौर पर उनकी विधवा वीर नारी पिंकी बघेल के लिए खुशी लेकर आया। सूबे के मुखिया से मिले अस्वासन के बाद ने यूपी सरकार की अनुकम्पा पर पिंकी बघेल ने जिला मुख्यालय में क्लर्क के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली। नौकरी की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए अपने परिवार के साथ पहुँची। कनिष्ठ लिपिक के पद पर नौकरी ज्वाइन करने के दौरान पिंकी बघेल भावुक नजर आई और उनकी आंखों से अंशु भी छलक गए।

गौरतलब है कि बिचपुरी ब्लॉक के लखनपुर गांव निवासी नरायन सिंह बघेल के पुत्र देवेन्द्र बघेल बीएसएफ में तैनात थे। सीमा सुरक्षा बल के जवान देवेन्द्र बघेल ने 15 मई 2018 को जम्मू के सांबा सैक्टर में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपनी शहादत दी। शहीद की अंत्येष्टि के दौरान क्षेत्रीय लोगों ने शहीद स्मारक, शहीद मार्ग और शहीद के नाम पर गांव के प्राथमिक विद्यालय का नाम रखने के साथ ही शहीद की धर्मपत्नी वीर नारी पिंकी बघेल के लिए सरकारी नौकरी की मांग की थी। जिसमें से शासन ने शहीद का स्मारक तो बनवा दिया लेकिन शहीद की आश्रित पिंकी बघेल को सरकारी नौकरी का मामला अटक गया। पिंकी बघेल और शहीद के परिजनों को अनुकंपा नौकरी के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन कोई हल नही निकला। जिसके बाद शहीद की पत्नी और परिवार के लोगों ने सूबे के मुखिया से मुलाकात कर सारी व्यथा बताई जिसे सूबे क़े मुखिया ने सरकार को अनुकंपा नौकरी देने के निर्देश दिये तब जाकर जिला मुख्यालय में कनिष्ठ लिपिक की नौकरी मिली जबकि लखनपुर प्राथमिक विद्यालय और मार्ग का नाम शहीद के नाम पर रखने की घोषणा अभी शेष है।

शहीद देवेंद्र सिंह बघेल की पत्नी पिंकी बघेल का कहना है कि अब उनकी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है अब उन्हें नौकरी के साथ साथ परिवार और अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है थोड़ी मुश्किल है जरूर आएंगे लेकिन सारी मुश्किलों को से लड़ते हुए सभी के साथ न्याय करने का पूरा प्रयास रहेगा शहीद देवेंद्र सिंह के परिजनों का कहना है बहू को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलने से अब उसके बच्चों का भविष्य भी भी अच्छा बन पाएगा

फिलहाल कुछ भी हो लेकिन प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने तमाम बाधाओं को दरकिनार करते हुए शहीद की पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देकर शहीद की शहादत को सलाम किया है। 

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