लद्दाख के गलवान घाटी में बॉर्डर की सुरक्षा कर रहे सूबेदार श्याम सिंह के शहीद होने के बाद उनके गांव मलूपुर, खंदौली पर पूरे शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अमला, तमाम जनप्रतिनिधि के साथ हज़ारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे जिन्होंने नम आंखों से शहीद जवान को विदाई दी।
आगरा के थाना खंदौली क्षेत्र के गांव मलूपुर निवासी सूबेदार श्यामवीर सिंह (45 वर्ष) भारत और चीन बॉर्डर पर लेह लद्दाख में स्थित बर्फीले क्षेत्र की गलवान घाटी में सूबेदार के पद पर तैनात थे। बुधवार तड़के ड्यूटी पर तैनात श्यामवीर सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। बुधवार को सेना की ओर से परिजनों को सूचना दी गई। गुरुवार की शाम 7:30 बजे उनका पार्थिव शरीर लेकर सेना का वाहन गांव में पहुंचा तो हजारों की संख्या में तिरंगा झंडा हाथों में लिए ग्रामीणों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। श्यामवीर सिंह के पार्थिव शरीर से लिपटकर पिता हरीश और मां मुख्तारी, पत्नी मिथलेश और बेटी पूर्णिमा फूट-फूटकर रोए पत्नी मिथलेश बेहोश हो गई। गमहीन माहौल में लोगों ने श्रद्धांजलि देकर उन्हें अंतिम विदाई दी। बेटे हर्ष चौधरी ने मुखगिन दी।
परिजनों ने बताया कि श्यामवीर सिंह के चार भाइयों में से तीसरे नंबर के थे सबसे बड़े भाई चंद्रवीर सिंह प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर अयोध्या में तैनात हैं। बाकी दूसरे नंबर के ज्ञान सिंह गांव मलूपुर में रहकर खेती का काम संभालते हैं। सबसे छोटा भाई दलवीर सिंह अमेरिका में इंजीनियर है। श्यामवीर सिंह पर एक बेटा हर्ष 17 वर्ष, पूर्णिमा 20 वर्ष है।
इस मौके पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थानाध्यक्ष खंदौली, विधायक रामप्रताप सिंह चौहान, पूर्व विधायक डॉक्टर धर्मपाल सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख जगवीर सिंह तोमर, डॉक्टर शिवराम यादव, कप्तान सिंह चाहर, हरिओम जूरेल, विपिन शर्मा, प्रधान प्रताप सिंह चौधरी समेत हजारों की संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
गांव मलूपुर में देश के लिए यह पहली शहादत नहीं है। 1999 में भी गांव के जवान धर्मवीर सिंह ने कारगिल युद्ध में शहादत दी थी। गांव के लोगों को अपने वीर जवानों की शहादत पर गर्व है।