Agra. इनर रिंग रोड एवं लेदर पार्क के लिए की गई भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले के खुलासे को लेकर किसान नेता श्याम सिंह चाहर के नेतृत्व में 11 किसान सदर तहसील में भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जिनका आज दूसरा दिन था। गुरुवार देर रात किसान नेता श्याम सिंह चाहर एवं सावित्री के अलावा अन्य किसानों की हालत खराब हो गई। भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की तबियत बिगड़ने की सूचना पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँच गए। ADM सिटी डॉ प्रभाकांत अवस्थी ने किसान श्याम सिंह चाहर और अन्य किसानों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है,, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
आगरा में इनर रिंग रोड व लैंड पार्सल के लिए हुए भूमिअधिग्रहण में करोड़ों रुपए के घोटाले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की माँग को लेकर किसान कल कमिश्नर कार्यालय में भूख हड़ताल कर रहे थे , जिनको पुलिस द्वारा जबरजस्ती हटाया गया और जबरन गाड़ी में ठूस कर तहसील सदर में बैठा दिया गया है। आप को बता दें कि इनर रिंग रोड घोटाले में दोषी होने के बावजूद भी अब तक दोषियों पर कार्यवाही न होने के कारण किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने अन्न पानी का भी त्याग कर दिया है।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नही होंगी तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। वहीं श्याम सिंह चाहर ने आगरा कमिश्नर अमित कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी अपने अधिकारी भाइयों से मोटी रकम ले कर उनको बचाने का काम कर रहे हैं लेकिन किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने भी संकल्प कर लिया है कि दोषी जेल नहीं जायेंगे तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
किसान नेता अवधेश सौलंकी ने कहा है कि इस घोटाले में अधिकारियों द्वारा घोटाले में सलिप्त दोषी अधिकारियो पर कार्यवाही न करना यह बताता है कि अधिकारी अब भी दोषियों को बचाने के लिए भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
किसान नेता सोमवीर यादव ने कहा है कि जिला प्रशासन दोषियों को बचाते हुए किसानों को गुमराह करने का काम कर रहा है लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम किसी भी कीमत पर झुकने वाले नहीं है। अब किसानों का अनशन तहसील सदर आगरा में लगातार जारी है। किसानों ने अन्न जल त्याग दिया है।वहीं इसी कड़ी में कॉंग्रेस ने भी तहसील सदर पहुंच कर किसानों का समर्थन किया।
भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की तबियत बिगड़ने से जिला प्रशासन की भी चिंताएं बढ़ गयी है। जिला प्रशासन किसानों को मनाने में लगा हुआ है लेकिन किसान अपनी मांग न माने जाने तक इस आंदोलन को जारी रखने की बात कह रहे है।