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दुर्गा सप्तसति और देवी भागवत के मंत्रों से गूंज रहा महायज्ञ स्थल

by admin

• महायज्ञ में गुप्त नवरात्रों की सप्तमी के दिन नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा से भी भक्तजन पहुंचे

आगरा। प्रातः छह बजे से शाम छह बजे तक शास्त्रीपुरम स्थित सुनारी में महामाई के मंत्र और जयकारे गूंज रहे हैं। गुप्त नवरात्रों के अवसर पर परम पूज्य संत श्री कीर्तिनाथ जी महाराज के नेतृत्व में आयोजित महामाई के महायज्ञ में आहूति देने आज स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ नोयडा, गाजियाबाद व मथुरा के भक्तजन आहूति के लिए पहुंचे। प्रधान कुण्ड की 11 परिक्रमा लगाकर श्रीमद्भागवत का श्रवण व महारास का आनन्द लिया।

महायज्ञ का शुभारम्भ प्रतिदिन सुबह 6 बजे गायत्री वन्दना व समस्त देवी देवताओं की वन्दना के साथ प्रारम्भ हो रहा है। प्रातः 6 से 9 वन्दना के उपरान्त 9 से 12 बजे तक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मिथला, काशी, आसाम, वृन्दावन सहित विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए आचार्य 108 दुर्गासप्तसति व देवी भागवत का पाठ कर रहे हैं। प्रधान कुण्ड में 16 आचार्यों द्वारा नियमित देवी पूजन किया जा रहा है। दोपहर 2 बजे से 6 पुनः हवन के उपरान्त सध्या काल 6 बजे महामाई की आरती का समय है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारीप्रसाद अग्रवाल, वंदना मेड़तवाल, गुड्डा प्रधान, राहुल अग्रवाल, जयशिव छोकर, मुन्ना मिश्रा, शम्भूनाथ चैबे, मुकेश अग्रवाल, अवि गोयल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, खेमसिंह पहलवान, मीना अग्रवाल, वीरेन्द्र मेड़तवाल, दिव्या मेढतवाल, सीमा गोयल, रीया आदि उपस्थित थे।

मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महयज्ञ में 18 फरवरी को संतों का विराट सम्मेलन होगा
मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि 18 फरवरी को संतों का दोपहर 12 से 2 बजे विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह व यज्ञोपवित (जनेऊ संस्कार) का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत के विभिन्न धार्मित स्थलों (काशी, उज्जैन, अयोध्या, मिथिला, आसाम, वृन्दावन) के 300 से अधिक साधू संत भाग लेंगे। सनातम धर्म व संस्कृति विषय पर संवाद होगा। 20 फरवरी को महायज्ञ पूर्णाहूति, सम्मान समारोह व भंडारे का आयोजन होगा। 21 फरवरी को सभी स्थापित मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।

श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम, कल से होगी राम कथा
श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक संजय शास्त्री ने आज श्रीकृष्ण को गांधारी द्वारा दिए गए श्राप, राजा परिक्षित मोक्ष की कथा कही। अंत में आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। रविवार से तीन दिवसीय श्रीराम का का आयोजन किया जाएगा। वहीं संध्या काल में श्रद्धालू रासलीला के माध्यम से श्रीहरि की भक्ति का आनन्द ले रहे हैं।

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