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56 बीघा में सज गया महामाई कामाख्या का दरबार

by admin
  • कलश यात्रा में ढाई हजार महिलाएं होंगी शामिल,
  • धान के फूस व मिट्टी के तैयार की गईं 60 मूर्तियां
  • रैन बसेरा में निवास करेंगे 300 से अधिक साधू संत

आगरा। 4 माह पूर्व माता रानी व भैरव बाबा के ध्वज की स्थापना से शुरु हुई महामाई कामाख्या के महायज्ञ की तैयारियों ने आज मूर्त रूप ग्रहण कर लिया है। महायज्ञ स्थल की मिट्टी व धान की फूस से तैयार की गई देवी देवताओं की 60 मूर्तियां सज गई हैं। जिसमें मुख्य पंचमुखी मां कामाख्या की मूर्ति है। 56 बीघा में सजाया गया यज्ञ स्थल मानो कामाख्या परिसर बन गया। 9 फरवरी को ढोल नगाड़ों के साथ कलश यात्रा का शुभारम्भ शास्त्री पुरम स्थित जोनल पार्क से होगा, जो तिकोनिया पार्क चर्चित चौराहा होते हुए महायज्ञ स्थल पर विश्राम लेगी। जिसमें लगभग ढाई हजार महिलाएं शामिल रहेंगी।

विघ्न विनाशक गणपति की सवारी के साथ में बग्गी में विराजमान होंगे आसाम से आए संत श्री कीर्तिनाथ महाराज के गुरु गोपालदास जी महाराज। गुप्त नवरात्रों में आगरा में महामाई कामाख्या देवी का ग्यारह दिवसीय अनुष्ठान सहस्त्र चंडी 108 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन 10 से 20 फरवरी को जेसीबी चौराहा शास्त्रीपुरम, सुनारी में सम्पन्न होगा।

यज्ञ स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में संतश्री कीर्तिनाथ महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों के 300 से अधिक संत, साधुओं के लिए रैन बसेरा तैयार किया गया है। 107 सह कुण्ड व एक प्रधान कुण्ड तैयार किया गया है, जिसमें 24 घंटे यज्ञ होगा। खास बात है कि बांस, फूस व मिट्टी से तैयार किए सभी कुंड ईकोफ्रैंडली हैं। पर्यावरण का विशेष ख्याल रखा गया गया है। मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति महामंत्री अजय गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि यज्ञ स्थल के एक बाग में झूले, धार्मिक सामग्री व खान-पान की स्टॉल भी लगेंगी। महायज्ञ के लाखों लोग साक्षी बनेंगे, जिसमें देश भर के संतो का विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञोपवीत (जनेऊ संस्कार) जैसे विभिन्न मांगलिक आयोजन भी होंगे।

आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 7 बजे से गौ पूजन व अभिषेक के साथ महायज्ञ का शुभारम्भ होगा। प्रतिदिन श्रीराम कथा का आयोजन दोपहर 3 से 6 बजे तक व श्रीराम लीला का मंचन सायं 7 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक किया जाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने शहरवासियों को अधिक से अधिक संख्या में महायज्ञ का शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से अजय गोयल, मुरारीप्रसाद अग्रवाल, यशपाल चौधरी, राहुल अग्रवाल, अवि गोयल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, वीरेन्द्र राणा, मुन्ना मिश्रा, जयशिव, वंदना, अमेश अग्रवाल, हनी चौधरी, अनुराधा पाल, किशन बाबा, देवकांत आदि उपस्थित थे।

ये होंगे मुख्य कार्यक्रम
09 फरवरी: कलश यात्रा प्रातः 10 बजे से।
10 फरवरी: 108 कुण्डीय महायज्ञ शुभारम्भ।
18 फरवरी: संतो का विराट सम्मेलन व कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञोपवीत (जनेऊ संस्कार) प्रातः 10 बजे।
20 फरवरी: महायज्ञ पूर्णाहूति।
21 फरवरी: देवी देवताओं की मूर्तियों का विसर्जन दोपहर 12 बजे।
22 फरवरी: पूज्य संत स्वामी कीर्तिनाथ महाराज द्वारा दोपहर 12 बजे से सम्मान समारोह।

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