Agra. बुधवार को सदर क्षेत्र में छावनी परिषद का महाबली खूब गरजा। महाबली ने कई दुकानों को ध्वस्त किया तो वहीँ एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का काम रुकवा कर उसके भी निर्माण को ध्वस्त कर दिया। तोड़-फोड़ की अभियान की दौरान सेना पुलिस पूरी तरह से मुस्तेद नजर आई और अपनी कार्रवाई को पूरी तरह से अंजाम दिया।
पहले दिया जा चुका था नोटिस
छावनी रोड के रक्षा संपदा अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि इस कार्रवाई से पहले ही लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया था, साथ ही मंगलवार शाम को क्षेत्र में मुनादी भी करा दी गई थी। उसके बाद ही छावनी बोर्ड ने अपनी इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
हाई कोर्ट से केस हार चुके
छावनी के रक्षा संपदा अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि जिन दुकानों-मकानों पर कार्रवाई की गई है उनका हाईकोर्ट में केस चल रहा था लेकिन हाई कोर्ट से वो केस हार चुके हैं। हाई कोर्ट ने छावनी के पक्ष में फैसला दिया था। इस पर उन्हें बंगला खाली करने के निर्देश जारी किए थे। इन बंगलो में कमर्शियल एक्टिविटी भी हो रही थी। सभी दुकानदारों को अपना सामान निकालने के लिए नोटिस दिया गया लेकिन फिर भी लोगों ने समान नही निकाला।

केंद्रीय राज्यमंत्री भी बैकफुट पर
बताया जाता है कि छावनी विभाग की तोड़फोड़ कार्रवाई के विरोध में और से रुकवाने के लिए राज्यमंत्री डॉ. जी एस धर्मेश पहुंचे थे लेकिन सेना और रक्षा संपदा विभाग के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। उसके बाद राज्य मंत्री रक्षा संपदा अधिकारी राजीव कुमार से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे, यहां पर उन्होंने हाईकोर्ट का हवाला और फैसला छावनी के पक्ष में होने की जानकारी दी और बंगला खाली कराने की कार्रवाई को उचित बताया। डॉक्टर धर्मेश ने कई तर्क उनके सामने रखे लेकिन सभी तर्क बेकार रहे। बताया जाता है कि मंगलवार शाम को जब छावनी बोर्ड ने तोड़फोड़ को लेकर मुनादी कराई थी तो भाजपा के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल से फोन पर वार्ता कर पूरे वाकये से रूबरू कराया था। इस पर प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने छावनी बोर्ड के अधिकारियों से भी वार्ता की लेकिन उनकी भी छावनी बोर्ड के अधिकारियों से फोन पर हुई वार्ता विफल रही। छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने जो तर्क दिए उसके बाद प्रो. एसपी सिंह बघेल बैकफुट पर आ गए।
छावनी बोर्ड की कार्रवाई से व्यापारियों में रोष
छावनी विभाग की इस कार्रवाई से व्यापारियों में रोष व्याप्त है। व्यापारी बाजार बंद कर विभाग की इस कार्यवाही का विरोध जताने की योजना बना रहे हैं।