आगरा। दो कद्दावर की लड़ाई में तीसरा भी अब कूद चुका है। यानी एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तो दूसरी तरफ एससी आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया है। मुद्दा धनगर समाज के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र न बनने का है। अभी पिछले दिनों की बात है जब दोनों कद्दावर एसपी सिंह बघेल और प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया खुलकर मैदान में आए और दोनों का वाकयुद्ध शुरू हुआ। अभी यह मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि रविवार को होटल पैलेस में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल ने प्रेस वार्ता कर अपनी ही पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल पर आरोप लगा दिए।
जिला पंचायत अध्यक्ष कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी अनुशासन वाली पार्टी है मगर अपनी पार्टी के नेता और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल पर आरोप लगाते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश सीमा लांघ गए। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि एस पी सिंह बघेल वो हैं जो कपड़े की तरह पार्टी बदलते हैं। समाज की चार लड़कियों को छोड़कर दूसरे समाज से शादी करते हैं। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी को पीठ दिखाते हैं और उसके बाद पार्टी से किनार कर लेते है।
लोकसभा चुनाव में यह लड़ाई दो कद्दावर के बीच में तेज हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि एसपी सिंह बघेल आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट के दावेदार हो रहे हैं। इसलिए रामशंकर कठेरिया के बीच में लड़ाई और जंग छिड़ गई है। कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल ने रविवार को सारी हदें समाप्त कर दी। राकेश बघेल इस समय दो कद्दावर मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया की लड़ाई में कूदे हैं और राकेश बघेल अपने समाज को साथ लेकर रामशंकर कठेरिया का साथ देने के साथ साथ एसपी सिंह बघेल को जमकर ललकार रहे हैं।