आगरा। 11 अप्रैल की रात्रि को आई वर्षा ओलावृष्टि के साथ तूफान से बिचपुरी अछनेरा फतेहाबाद ब्लॉक के सभी गांव सहित पूरे जनपद में किसानों की गेहूं और सब्जियों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है। किसान खून के आंसू रो रहा है। जिला प्रशासन ने पीड़ित किसानों को मुआवजे का ऐलान किया है लेकिन नुकसान का आंकलन करने में जुटे लेखपाल और राजस्व विभाग के अधिकारी सही रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं।
इस कारण काफी किसानों को मुआवजा नहीं मिला पायेगा। इस समस्या को लेकर किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग उठाई।
किसान नेता मोहन सिंह चाहर का कहना है कि अभी भी किसानों के खेतों में पानी भरा है जिसके कारण गेहूं में 80 से 90% तक नुकसान हुआ है। जो 20% बचा है वो काला पड़ने से खाने लायक नहीं रहेगा। किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। यही नहीं तूफान से अब तक करीब 20-25 किसानों की घरों में दबकर मौत हो गई। तमाम किसान घर गिरने से बेघर हो गए। किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया। किसान भुखमरी के कगार पर आ गए। घर के खर्च कैसे चलेंगे। शादी कैसे होगी। अपना और परिवार का पेट भरना मुश्किल हो गया है। किसान खून के आंसू रो रहे हैं।
इतना ही नहीं जिले में विद्युत व्यवस्था 6 दिन से ठप्प पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। भारतीय किसान संघ मांग करता है कि लेखपालों द्वारा सभी किसानों का नुकसान देखकर सही आंकलन किया जाए। जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा और फसल बीमा दिया जाए और प्रभावित किसानों की 1 वर्ष तक विद्युत बिल माफ किए जाएं। अगर लेखपालों ने प्रभावित किसानों को सरकार की आर्थिक मदद से वंचित किया तो किसान संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।