आगरा। गुरद्वारा साहिब मिट्ठा खूह महर्षि पुरम पर चल रहे तीन दिवसीय समागम के समापन पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ के भोग पर गुरु प्यारी संगतो का सैलाब उमड़ पड़ा। भारी संख्या में पहुँची संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर भव्य कीर्तन दरबार सजाया गया था। कीर्तन दरबार की शुरुआत राडा साहिब पंजाब लुधियाना पावन पवित्र स्थान संत बाबा इसर सिंह वालो के स्थान से आये कीर्तननीय जत्थे द्वारा की गई। कीर्तनरागी बेअंत सिंह, दीदार सिंह, गुर्प्रीत सिंह द्वारा कीर्तन शब्द गुरवाणी कथा के साथ किया गया। इसके साथ ही हरजोत सिंह द्वारा गुरु की महिमा का वर्णन कर संगत को निहाल किया। कीर्तनरागी जत्थे से गुरवाणी कथा को सुनकर समूह संगत भाव विभोर हो गयी और समूह संगत को प्रभु के सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
इसके बाद कीर्तनों का दौर चला। रागी जत्थों ने 1लख खुशिया पातशाहिया जे सतगुरु नजर करे, 2 गुर सिख मन बधाईया बधाईयां, 3 राम नाम संतन घर आया कीर्तनों से समूह संगतो को निहाल किया और चारों ओर बोले सो निहाल सतश्री अकाल के जयकारे लगाये। आलौकिक दृश्य गुरु की अरदास हुकमनामा से साथ समापन पर हुआ। इस अवसर पर गुरु प्यारी संगतो ने अटूट लंगर मिष्ठान पाकर वाहेगुरु का शुकराना किया।
इस अवसर पर हरजोत सिंह, श्याम भोजवानी, कवलजीत सिंह,प्रभजोत सिंह, दलजीत सिंह, जुगेन्दर सिंह, गुरबिन्द सिंह, देवेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।