Agra. आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्राइवेट बसों के संचालन की मिल रही सूचना पर आगरा परिक्षेत्र के रोडवेज प्रबंधक मनोज कुमार हरकत में नजर आए। क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार दल बल के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चेकिंग पर निकल पड़े। इस चेकिंग के दौरान उन्होंने कुछ प्राइवेट बसों का पीछा करते हुए कोसीकला पर लगे बैरिकेडिंग पर रोका। इन प्राइवेट बसों को चेक किया गया तो एक बड़ा खुलासा हुआ। प्राइवेट बस संचालक अपनी इन बसों को हरियाणा रोडवेज रंग में रंगकर और सरकारी योजना को चित्रित कर चला रहे थे जिससे कोई उन पर शक ना कर सके। क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज ने तुरंत ऐसी दो बसों को मौके पर पकड़ा और थाने में बंद करा दिया, साथ ही इन बसों में जो यात्री सवार थे उन्हें दूसरी गाड़ियों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
आगरा रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि प्राइवेट बस संचालक हरियाणा रोडवेज की बस की तरह रंग कर उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा दिल्ली पर चला रहे हैं। इस सूचना पर आज चेकिंग की गई तो कोसीकला से पहले कुछ ऐसी गाड़ियों को रोक कर चेक करने का प्रयास किया गया तो प्राइवेट बस संचालक गाड़ी को भगा कर ले गए। उनका पीछा किया गया तो उन्होंने गाड़ी को टक्कर मारने का प्रयास किया लेकिन उन्हें कोसीकला बैरिकेडिंग पर पकड़ लिया गया। गाड़ी को पकड़कर जब चेक किया गया तो सामने आया कि वो हरियाणा रोडवेज की बस नहीं बल्कि उनका रंग और रूप देकर प्राइवेट बस संचालक उनका आगरा दिल्ली मार्ग पर संचालन कर रहे हैं। ऐसी दो बसों को आज पकड़कर क्षेत्रीय थाने में बंद कराया गया है।
आगरा रोडवेज क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि इन प्राइवेट बसों से उत्तर प्रदेश रोडवेज परिवहन निगम को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसी लगभग 12 बसें राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली, फिरोजाबाद, तांतपुर, बाह मार्ग पर निजी प्राइवेट कंपनियों के फर्ज़ी वाहन संचालित हो रहे हैं जो कोरोना संक्रमण का फायदा उठा रहे है।
रोडवेज क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि जब प्राइवेट दोनों बसों को पकड़ा गया तो बस पूरी तरह से भरी हुई थी जबकि कोरोना वायरस में केवल 50% ही सवारियों को ले जाने की अनुमति है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जा उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने उत्तर प्रदेश की बसों को अन्य राज्यों में जाने की अनुमति नहीं दी तो अन्य राज्यों की बसें यूपी में कैसे आ सकती हैं। दो टूक शब्दों में क्षेत्रीय प्रबंधक ने साफ कहा कि ऐसी बसों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा जिससे प्राइवेट बस संचालकों पर शिकंजा कसा जा सके जो धोखाधड़ी कर अपनी प्राइवेट बसों को सरकारी बसों का रंगवा रूप देकर संचालित करा रहे हैं।