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खानापूर्ति : बाल सुधार गृह की अधीक्षिका हुई गिरफ्तार, तुरंत मिली जमानत

by admin

Agra. राजकीय बाल सुधार गृह में बच्चों को चप्पल से पीटने वाली अधीक्षिका पूनम पाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और उसे तुरंत जमानत भी मिल गई। पुलिस ने इस मामले में धाराओं में खेल कर दिया जिससे बच्चों पर अत्याचार करने वाली अधीक्षिका को आसानी से बेल मिल गई लेकिन एक तरफ उन्हें बेल मिली तो दूसरी ओर राजकीय बाल सुधार गृह से संबंधित एक और अधिकारी का विकेट गिर गया। राजकीय किशोर संप्रेषण गृह के अधीक्षक ऋषि कुमार को वीडियो वायरल करने के शक में सस्पेंड किया है।

राजकीय बाल सुधार गृह की अधीक्षिका पूनम पाल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पलंग पर सो रही बच्ची को चप्पल से पीटते हुए दिख रही थीं। वीडियो वायरल होने के बाद डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने उन्हें पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने अधीक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही थी। इसके बाद रात को शाहगंज थाने में पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और पूनम पाल को आसानी से बेल भी मिल गयी।

बड़ा सवाल यह है कि पूनम पाल वीडियो में बेरहमी से बच्ची की पिटाई कर रही है और उनका पिछला रिकॉर्ड भी खराब है तो उन्हें कैसे आसानी से बेल मिल गयी। क्या पुलिस की मेहरबानी पूनम पाल पर हुई।

पूनम पाल के वीडियो वायरल होने के बाद बाल गृह के कर्मचारी भी रडार पर आ गए है। बाल गृह की करतूत कैसे बाहर आ गयी और वीडियो किसने वायरल किये इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। कर्मचारियों के मोबाइल खंगाले जा रहे हैं जिससे पूनम पाल को बचाया जा सके। इसको लेकर जिला प्रशासन ने राजकीय बाल सुधार गृह से संबंधित एक और अधिकारी को निलंबित कर दिया है। राजकीय किशोर संप्रेषण गृह के अधीक्षक ऋषि कुमार को वीडियो वायरल करने के शक में सस्पेंड कर दिया है।

बाल सुधार गृह की आया कविता कर्दम, बेबी, दीपाली और रसोइया सुनीता ने अधीक्षिका पर बच्चों के साथ मारपीट करने और कर्मचारियों को परेशान करने के साक्ष्य सहित गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अधीक्षिका की लापरवाही और बच्चे के प्रति संवेदनहीनता के चलते अक्सर बच्चे बीमार रहते हैं। आए दिन बच्चों को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ता है। उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर नहीं भेजा जाता। रुद्र नाम का एक बच्चा एक महीने तक एसएन में वेंटिलेटर पर रहा। इसके बाद भी उसे हायर सेंटर नहीं भेजा गया।

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