आपने आते जाते सड़कों पर कई गाड़ियां ऐसी देखी होंगी जिनमें जाति सूचक शब्द लिखा रहता है। ऐसे लोगों का मानना है कि आजकल इसका चलन चल रहा है लेकिन अब आजकल के इस चलन को योगी सरकार ने दरकिनार करने का फैसला ले लिया है। अगर आप भी अपनी गाड़ी पर अपना जाति सूचक शब्द लिखना पसंद करते हैं तो अब से आपको यह पसंद बदलनी होगी। इस पसंद के चलते आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
योगी सरकार ने जो फैसला लिया है वह यह है कि अगर किसी भी वाहन पर जाति सूचक शब्द लिखा हुआ मिलता है तो वाहन मालिक को भारी चालान भरना पड़ सकता है यानी अगर किसी भी वाहन पर यादव, क्षत्रिय, पंडित, वैश्य, खान इत्यादि कोई भी जाति सूचक शब्द लिखा हुआ मिलता है तो ट्रैफिक पुलिस उस वाहन के मालिक के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर सकती है।
अब आपको बताते हैं कि इस सख्त कदम को उठाने के पीछे की वजह क्या है। दरअसल महाराष्ट्र के एक शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में दौड़ रहे जातिवाद वाहन सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा हैं। इसलिए इन्हें बंद किया जाना चाहिए। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार यानी योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई। अपने त्वरित फैसलों के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया और अपर परिवहन आयुक्त को इस पर कार्यवाही के लिए निर्देश दिए। बावजूद इसके एक और इसकी बड़ी वजह हो सकती है वह यह है कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा अगर कुछ और लिखा होता है तो ऑनलाइन चालान करना मुश्किल हो जाता है।
गाड़ी पर जाति सूचक शब्द लिखे होने पर क्या हो सकती है कार्रवाई आपको बताते हैं। दरअसल धारा 177 के तहत चालान या फिर गाड़ी सीज करने की कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में गाड़ियों पर जाति सूचक शब्द होने पर धारा 177 के तहत चालान या फिर गाड़ी सीज करने की कार्रवाई की जा सकती है। अगर आपने भी अपनी गाड़ी में ऐसा कोई जाति सूचक शब्द लिख रखा है या कोई स्लोगन लिख रखा है तो जल्द से जल्द कार्यवाही से बचने के लिए हटा दीजिए अन्यथा भारी चालान का भुगतान कर खामियाजा उठाना पड़ सकता है।