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अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर पूनम यादव फंसी भूमाफिया के जाल में, लेखपाल की भूमिका पर उठे सवाल

by pawan sharma

Agra. विश्व में आगरा का नाम रोशन करने वाली अर्जुन अवार्ड विजेता अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर पूनम यादव भी भूमाफियाओं के जाल से बच नहीं सकी। भूमाफियाओं ने उनकी जमीन पर कब्जा किया। पुलिस कार्यवाही की तो भू माफियाओं ने तहसील में जमीन के कागजात में हेरा फेरी कर दी। अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर पूनम यादव के पिता ने तो लेखपाल से लेकर एसडीएम तक को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि 30 मई की सुनवाई का नोटिस 31 मई को प्लॉट पर चस्पा करा दिया गया। इससे परिजन अब अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

अर्जुन अवार्ड प्राप्त पूनम यादव वर्तमान में रेलवे टीम की कप्तान है। पूनम यादव के पिता रघुवीर में बताया कि फतेहाबाद रोड स्थित कुंडोल पर उन्होंने 2 साल पहले बुंदू कटरा निवासी कपिल यादव से साढ़े आठ सो वर्ग गज का प्लॉट खरीदा था। रजिस्ट्री के बाद लेखपाल से दाखिल खारिज भी कराया गया। आरोप है कि होली पर कुछ लोगों ने प्लॉट पर लगे गेट का ताला तोड़कर अपना ताला लगा दिया। इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने ताला तोड़कर पूनम के पिता को फिर से कब्जा दिलाया।

पूनम के पिता का कहना है कि इसी साल फरवरी में उनके पास कपिल मित्तल का फोन आया। उसने फोन पर कहा कि जमीन खाली कर दो जमीन हमारी है। उन्होंने कहा ऐसा कैसे हो सकता है उसका बैनाम तो उन्होंने 2 साल पहले ही कर लिया था। इसके बाद ऋषि दुबे नाम के व्यक्ति का फोन आया और उसने प्लॉट पर जबरन कब्जा कर लिया फिर भूपेंद्र लेखपाल का फोन आया और उसने थाना डॉकी बुलाया और कहा कि आपकी जो जमीन है वह आपकी नहीं है बल्कि कपिल मित्तल की है। उसका नंबर 13 है जबकि आपकी जमीन 14 नंबर की है। वह थाना डौकी पहुंचे, पुलिस को सभी कागजात दिखाए, रजिस्ट्री दिखाई और फिर उनसे पूछा कि अगर 13 नंबर की वह जमीन है तो 14 नंबर की जमीन कहां है, वह मुझे दीजिए लेकिन इस बात पर सब चुप पड़ गए।

लेखपाल की भूमिका संदिग्ध

पूनम यादव के पिता का कहना है कि जब उन्होंने प्लॉट खरीदा था तो उसकी रजिस्ट्री और उसका दाखिला खारिज लेखपाल भूपेंद्र ने कराया था। उसी ने दाखिला खारिज करने के बाद यह जमीन की नापतौल करके उन्हें दी थी। अब वही लेखपाल कह रहा है कि वह जमीन उनकी नहीं है बल्कि कपिल मित्तल की है।

पूनम के पिता का आरोप है कि भूमाफियाओं ने लेखपाल से मिलकर जमीन के कागजों में हेरा फेरी कर दी। अब कागजों में उनकी जमीन को ही गायब कर दिया गया है। इसकी शिकायत उन्होंने कमिश्नर रितु माहेश्वरी से की है। पिता का कहना है कि कमिश्नर ने अधीनस्थों को जांच कर 10 दिन में आख्या देने के निर्देश दिए हैं लेकिन अधीनस्थ उनकी शिकायत को दावा कर बैठे रहे।

एसडीएम की कार्य प्रणाली पर सवाल

पूनम यादव के पिता रघुवीर सिंह ने तो एसडीएम सदर की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि बेटी उनसे मिलना चाहती थी समय नहीं दिया लेकिन 31 मई को उनके प्लॉट पर अधिकारियों ने नोटिस चस्पा किया। नोटिस में लिखा है कि 30 मई को अपने कागज लेकर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत हो ताकि शिकायत का निस्तारण किया जा सके। लेकिन उन्होंने मना कर दिया था कि वह मैनपुरी में है और बेटी भी बाहर है तो वह नहीं आ पाएंगे। उन्होंने एसडीएम सदर से एक तारीख का समय मांगा था लेकिन एसडीएम ने बिना उन्हें कुछ कहे ही फोन काट दिया और फिर 31 मई को पहुंचकर अपनी कार्रवाई को अंजाम दे दिया।

सीएम योगी से लगाई गुहार

अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर पूनम यादव का कहना है कि अब उन्होंने न्याय के लिए सीएम योगी से गुहार लगाई है। उन्हें उम्मीद है कि सीएम योगी उनकी गुहार सुनेंगे और वह माफिया से उनकी जमीन को वापस दिलाएंगे। क्योंकि स्थानीय स्तर पर जो अधिकारी बैठे हैं वह सब मिली भगत से सीएम योगी के अभियान को पलीता लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खून पसीने की कमाई से वह जमीन खरीदी थी। एक नंबर का पैसा था स्टांप भी पूरे लगाए थे तो फिर उसे न्याय क्यों नहीं मिलेगा।

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