आगरा। आगरा में आयोजित समरसता संगम कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागत ने स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत को आगे ले जाना है जिसके लिये समरसता पूर्ण देश को खड़ा करना होगा।
भारत की ओर सब की निगाहें हैं। देश को जाति-पाँत और धर्म में बांट कर लोगों में विधिता पैदा करने का काम किया गया है। किसी भी समाज को बलवान बनने के लिये एकता की आवश्यकता है। मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान उसके हिन्दु समाज से है। जहां विविधिता के बाद भी एकता है। हमारी भाषा, खान पान, पहनावा अलग अलग होते हुए भी हमारी संस्कृति में एकता है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का नाम सामाजिक समरसता एकत्रीकरण दिया गया है जिसका उद्देश्य समाज में समरसता लाना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि शरीर का कोई भी अंग अपंग है तो वह शरीर सामान्य लोगों की तरह दौड़ नहीं सकता। दौड़ने के लिये सभी अंगों का सही होना आवश्यक है। यदि किसी भी समाज को बलवान बनाना है तो उसके लिये संघर्ष करना होगा। संघर्ष के लिये एकता की आवश्यकता है। सभी को साथ लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। जिसके लिये सभी से प्रेम करना ऐसा व्यक्ति का स्वभाव होना चाहिए। आगे बढ़ने के लिये खुद से भी प्रेम करने की जरूरत है ताकि व्यक्ति आगे बढ़ सके। सफल व्यक्ति को दूसरों को भी आगे बढ़ाना चाहिए वह व्यक्ति तभी बढ़ा व महान कहलाता है केवल खुद को आगे बढ़ाकर व्यक्ति महान नहीं हो सकता।
समाज को आगे बढ़ाना है तो निस्वार्थ होकर कार्य करना होगा। समाज को जोड़ने के लिये संघ कार्य कर रहा है। यदि संघ को जानना है तो उसके लिये शाखा आना होगा। जहां व्यक्ति के मन की बुराई को दूर किया जाता है। भारत माता की जय से व्यक्ति में बदलाव की शुरूवात होती है। जिसे जाति-पाँत व भाषा से दूर कर राष्ट्र के लिये निस्वार्थ कार्य करने की सीख मिलती है।
उन्होंने बताया कि संघ के एक लाख सत्तर हजार सेवा प्रकल्प कार्य कर रहे हैं। जिसमें स्वयंसेवक निस्वार्थ होकर सेवा कार्य करता है। देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आती है तो संघ के स्वयंसेवक निर्भीक होकर कार्य करते हैं। संघ के विपक्षी विचार धारा के लोगों ने भी संघ के सेवाकार्यों की कई बार सराहना की है।
मोहन भागवत ने कहा कि संघ गांव गांव जाकर समाज में एकता के लिये स्वयंसेवकों को कार्य करना होगा। आगरा में शुक्रवार से आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की पाठशाला शुरू हो गयी है। बिचपुरी कैम्पस रुके संघ प्रमुख की तीन दिन तक पाठशाल चलेगी जो कि अलग-अलग सत्र के हिसाब से होगी।