Agra. GST कार्यालय आगरा में इस समय हड़कंप मचा हुआ है। GST कार्यालय आगरा के असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और वाणिज्यकर अधिकारी शैलेन्द्र कुमार, सिपाही संजीव कुमार और गाड़ी चालक दिनेश कुमार के खिलाफ थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर मथुरा के व्यापारी से 43 लाख रुपये लूटने का आरोप है। बड़ी बात यह है कि विभागीय जांच में आरोप सिद्ध होने पर तीनों को गैर जनपद में संबद्ध कर दिया गया है।
मामला मथुरा के चांदी कारोबारी से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि गोविंद नगर स्थित महाविद्या कालोनी निवासी प्रदीप अग्रवाल विनायक ट्रेडर्स के नाम मथुरा में चांदी के जेवरात की फर्म चलाते हैं। उन्होंने थाना लोहामंडी में दर्ज कराए मुकदमे में लिखा है कि 22 अप्रैल को अपनी गाड़ी से चालक राकेश चौहान के साथ व्यापार के संबंध में बिहार के कटिहार गए थे। बिहार में 44 लाख रुपये की बिक्री की थी। 43 लाख रुपये एक थैले में भरकर गाड़ी में रख लिए, जबकि बाकी रुपये जेब में रखकर मथुरा के लिए चले।
आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर चेकिंग के दौरान GST विभाग के इन अधिकारियों व अधिनिस्थ ने गाड़ी रोकी और GST कार्यालय जयपुर हाउस ले आये। गाड़ी की तलाशी ली और गाड़ी में बैग में रखे 43 लाख से भरा बैग ले लिया और कहने लगे कि यह रकम आयकर विभाग को सौंपी जाएगी। इसके बाद पूछने लगे कि गाड़ी में चांदी कहां रखी है? प्रदीप ने उन्हें समझाया कि रुपये चांदी के गहने बेचकर ही लाए हैं, लेकिन वे नहीं माने। सभी ने उत्पीड़न शुरू कर दिया। कहा कि अगर अपनी खैर चाहते हो तो थैले में रखे रुपयों को भूल जाओ। यह बात किसी को बताई तो झूठे मुकदमे लिखा देंगे। रात 12.45 बजे कारोबारी और चालक को छोड़ा गया। इस घटना से वह काफी डर गए थे। इस कारण किसी से शिकायत नहीं की।
बताया जाता है कि पीड़ित ने तीन दिन बाद व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत को पूरा मामला बताया। उन्होंने अधिकारियों से बात की। इसके बाद विभागीय जांच शुरू हो गई। बुधवार को पीड़ित ने एसएसपी मुनिराज जी से शिकायत की। उनके आदेश पर बुधवार रात को थाना लोहामंडी में अज्ञात साहब, चपरासी, सिपाही और चालक के खिलाफ अमानत में खयानत और धमकी देने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
बताया जाता है कि मुख्यालय से मिली शिकायत के बाद विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड एके सिंह ने स्थानीय स्तर पर दो ज्वाइंट कमिश्नर से इस मामले की जांच कराई। इसमें असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार ने बयान दिया कि वह गुप्त सूचना पर प्राइवेट गाड़ी से जांच करने गए थे। हालांकि मथुरा के चांदी कारोबारी से 43 लाख रुपये लेने की बात उन्होंने नहीं स्वीकारी। स्थानीय जांच करके रिपोर्ट शासन को भेज दी गई, जिसके आधार पर मुख्यालय ने असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार को मिर्जापुर, वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार को बांदा और आरक्षी संजीव कुमार मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया।
असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार वाणिज्य कर विभाग के सचल दल सात में, जबकि वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार यूनिट छह में तैनात थे। आरक्षी भी सचल दल में ही तैनात थे। हालांकि आरोपित आरक्षी ने बयान दिया है कि उसने पहले इस तरह जाने से मना किया तो उक्त अधिकारियों ने ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी से अनुमति लेने की बात कही थी, जिसके बाद वह जाने को राजी हुआ।
थाना लोहामंडी पुलिस के मुताबिक इस मामले में बृहस्पतिवार को वाणिज्य कर कमिश्नर मिनिस्ती एस की ओर से जांच आंख्या के संबंध में पत्र भेजा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-एक की ओर से प्रषित जांच आख्या में अवगत कराया गया है असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर सप्तम इकाई अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी सचल दल षष्टम इकाई शैलेंद्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार और प्राइवेट गाड़ी का चालक दिनेश कुमार सिंह वादी मुकदमा की गाड़ी को टोल प्लाजा पर रोककर जयपुर हाउस स्थित कार्यालय पर लाए थे। इन सभी के नाम विवेचना में खोलकर कार्रवाई की जाए।
फिलहाल इस घटना के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और मामले की चर्चा जोरशोर पर है क्योंकि इस मामले में गाज तो गिर गयी है और बहुत कुछ खुलासा होना बाकी है।