नई दिल्ली। संसद (Parliament) की कैंटीन में मिलने वाला सस्ता खाना हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। अभी तक संसद की कैंटीन में सभी सांसदों और संसद में काम करने वाले कर्मचारियों को खाने पर सब्सिडी मिलती थी लेकिन अब ऐसा नही होगा। संसद की कैंटीन में भोजन की थाली पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है जिसकी जानकारी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दी। उन्होंने कहा कि संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी अब खत्म की जा रही है।
संसद की कैंटीन (Parliament Canteen) में खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर देशभर में दो साल पहले चर्चा हुई थी। इसके बाद इस पर विचार करते हुए संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने सब्सिडी को खत्म करने पर अपनी सहमति जाहिर की थी। अब इस सब्सिडी को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। अब से कैंटीन में मिलने वाला खाना ITDC द्वारा निर्धारित मूल्यों पर ही मिलेगा। ये मूल्य खाना तैयार होने में लगने वाली लागत के आधार पर तय किए जाएंगे।
सालाना आठ करोड़ रुपये की होगी बचत-
संसद की कैंटीन में दी जाने वाली सब्सिडी के कारण हर साल लोकसभा सचिवालय को करोड़ों रूपए का नुकसान होता था। अब सब्सिडी खत्म होने के बाद लोकसभा सचिवालय ने लगभग आठ करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान लगाया है। साल 2015 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर ने कैंटीन को no-profit-no-loss के आधार पर चलाने के एक सुझाव पर मुहर लगाई थी जिसके बाद से कैंटीन में मिलने वाले खाने के मूल्य में वृद्धि हुई थी। इस फैसले के आने से पहले कैंटीन में दाल का मूल्य मात्र 2 रुपये था और चिकन करी मात्र 29 रुपये में मिलती थी. अभी कैंटीन में चिकन करी 50 रुपये में, फ्रूट सलाद 10 रुपये में, वेज थाली 35 रुपये और मसाला डोसा मात्र 20 रुपये में मिलता है। एक आरटीआई में हुए खुलासे से यह जानकारी सामने आई कि साल 2015 में रेलवे कैंटीन को 60.7 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई थी।
अभी तक संसद की कैंटीन का संचालन रेलवे के अधीन था परंतु अब इसका संचालन भारतीय पर्यटन विकास कॉर्पोरेशन (ITDC) करेगा। ITDC पांच सितारा होटल का संचालन भी करती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांसदों को अब संसद भवन परिसर की कैंटीन में सब्सिडी वाला खाना नहीं मिलेगा। सांसदों व अन्य को संसद में कैंटीन के भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि संसद की कैंटीन को इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन चलाएगा। इससे पहले उत्तर रेलवे के पास यह जिम्मेदारी थी। कैंटीन में एक शाकाहारी थाली की कीमत 35 थी, अब नई दरें घोषित की जाएगी।
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