आगरा। भीषण गर्मी में बढ़ी उल्टी—दस्त और डायरिया के मरीजों की संख्या। स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी।
भीषण गर्मी और बदलते मौसम में उल्टी-दस्त और डायरिया के मरीजों की तादाद बढ़ जाती है। इसको देखते हुए जनपद में 15 जून तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इसमें लोगों की शरीर में पानी की कमी न होने देने के प्रति जागरुक किया जाएगा।
सीएमओ ने जारी की एडवाइजरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि गर्मी के मौसम में बच्चों में पानी की कमी न होनें दें। यदि उन्हें दस्त हो तो उन्हें ओआरएस का घोल पिलाएं। ज्यादा परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर बच्चे को दिखाएं।
दस फीसदी मौत दस्तों की वजह से
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज ने बताया कि बाल्यावस्था में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में करीब 10 फीसदी मौत दस्त से होती है। इसको रोकने के लिए जरूरी है कि दस्त होने पर ओआरएस घोल एवं जिंक की गोली से उपचार किया जा सकता है। डायरिया से बचाव एवं प्रबंधन के संबंध में प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति लोगों में जागरूकता बनाना, समुदाय स्तर तक ओआरएस व जिंक की उपलब्धता बढ़ाना है।
चलाया जा रहा पखवाड़ा
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ. विजय सिंह ने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान ऐसे परिवार को चिन्हित करना है, जिनमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हों, जो पखवाड़े के दौरान दस्त रोग से ग्रसित हो। पांच वर्ष तक के कुपोषित बच्चे वाले परिवार को प्राथमिकता देना है। जिन उपकेंद्रों पर एएनएम न हो या छुट्टी पर हो अति संवेदनशील क्षेत्र वाले परिवार पर विशेष ध्यान देना होगा। सफाई की कमी वाली जगहों पर निवास करने वाली जनसंख्या पर विशेष ध्यान देना होगा, जहां पर पूर्व में डायरिया आउटब्रेक हुआ हो एवं बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्र, छोटे गांव या छोटे कस्बे जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो।
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