उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पति और ससुरालीजनों पर गर्भवती महिला को इंजेक्शन देकर एचआईवी संक्रमित करने और मायके में छोड़ने आरोप है। मामले में पीड़ित महिला के पिता की तहरीर पर लोधा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में रामघाट रोड स्थित नर्सिंग होम में साजिश रचने और ससुराल पक्ष के रिश्तेदार नर्सिंग होम संचालक को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर प्रथम बयान के आधार पर मामले को मीडिएशन सेंटर भेज दिया है।
लोधा इंस्पेक्टर ने बताया कि जिले की एक युवती की शादी विगत सात दिसंबर 2020 को शहर के रामघाट रोड इलाके के संविदा चिकित्सा कर्मी युवक के साथ हुई थी। पिता की तहरीर के अनुसार, दहेज में 12 लाख रुपये की नकदी और 25 लाख रुपये का सामान दिया गया था। आरोप है कि शादी के बाद युवती ससुराल पहुंची तो उसे जानकारी हुई कि उसके पति का साथ काम करने वाली किसी महिला चिकित्सा कर्मी से रिश्ते हैं। ऐसे में पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। आरोप है कि कुछ दिन बाद महिला के साथ जेठ ने छेड़छाड़ की और विरोध पर पीटा गया। मामले की जानकारी पर 14 फरवरी 2021 को युवती के पिता अपने साथ अन्य रिश्तेदारों को लेकर युवती के सुसराल पहुंचे। बातचीत में ससुरालीजनों ने तलाक लेने की बात कही और दान-दहेज में दिया पैसा लौटाने का आश्वासन दिया। इस दौरान युवती गर्भवती हो गई लेकिन कुछ दिन बाद पति महिला के बीमार रहने की बात कहकर विगत चार अगस्त को उसे मायके में गांव के बाहर छोड़कर चला गया।
मायके पहुंचकर महिला ने परिजनों को बताया कि गर्भवती होने के कुछ दिन बाद उसका पति व जेठ उसे एचआईवी संक्रमित करने की साजिश रचने लगे। महिला ने बताया कि पति के बहनोई के परिजनों का रामघाट रोड पर नर्सिंग होम है। इसमें उसे इलाज के नाम पर इंजेक्शन लगवाए जाते थे। इकसे बाद वह एचआईवी संक्रमित हो गई। इस पर महिला के पिता ने बेटी के इलाज संबंधी प्रपत्र देखे तो पाया कि ससुरालीजनों ने सबसे पहले आगरा रोड के नर्सिंग होम के परामर्श पर 8 अप्रैल को, फिर 17 अप्रैल को जिला अस्पताल में और फिर विष्णुपुरी के नर्सिंग होम के परामर्श पर एक 1 मई को एचआईवी जांच कराई। तीनों जांचों में वह एचआईवी निगेटिव आई लेकिन 23 जुलाई को एक निजी पैथालॉजी में जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव थी। इंस्पेक्टर लोधा के अनुसार, महिला के पिता ने तहरीर में पति, जेठ, सास, ससुर, जेठानी, ननदोई (नर्सिंग होम संचालक के परिजन), दूसरे ननदोई, दो ननदों ने मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। आरोप है कि रिश्तेदार के नर्सिंग होम में दिए गए इंजेक्शनों से यह एचआईवी संक्रमित हुई है। पुलिस ने जानलेवा साजिश, मारपीट, छेड़खानी, दहेज अधिनियम व जीवन को संकट में डालने वाली बीमारी जानबूझकर फैलाने संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद थाना पुलिस ने पीड़ित का आंतरिक व बाह्य एचआईवी परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल भेजा। यहां से उसे मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा गया। हालांकि अभी पीड़िता की रिपोर्ट आना शेष है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में पीड़ित युवक की ओर से भी पुलिस को बयान दिया गया है कि वह खुद अपनी जांच कराएगा। यदि वह संक्रमित आता है तो माना जाए कि उसने कोई साजिश नहीं रची है। उसने आरोपों को निराधार बताया।