आगरा। कोरोना के इस दौर में देश, प्रदेश के साथ शहर की जो स्थित है वो किसी से छुपी नहीं है। कोरोना की शक्ल में हर रोज सामने नजर आ रही मौत से जिंदगी के लिए जंग लड़ी जा रही है। इस जंग में सरकार ने अपने स्तर से मरीजों को इलाज के लिये संसाधन उप्लब्ध करा रही है तो वहीं सामाजिक संस्थाओं और कुछ चिकित्सकों ने भी मरीजों की मदद के लिए खुद को झोंक रखा है। इस समय चिकित्सक इलाज कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे हुए हैं तो वहीं सामाजिक संस्थाओं के लोग मरीजों की हर सम्भव मदद करने में जुटे हुए है।
इसी कड़ी में आगरा शहर के युवा भी पीछे नही है। लॉकडाउन के जब घर बैठे पढ़ाई और नौकरी हो रही है तो समय निकल कर यह यंगस्टर सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म ग्रुप बनाकर और उसके जरिए कड़ी से कड़ी जोड़कर कोरोना पीड़ित की हर संभव मदद व सहायता करने में जुटे है। “यंग कोरोना वालिंटियर” के नाम से सोशल मीडिया पर बने इस ग्रुप व मंच से अभी तक सैकड़ो लोगों की मदद की जा चुकी है। जिससे कई कई लोगों की जिंदगी भी बच गई है।
ऐसे कर रहे काम:-
सोशल मीडिया पे सहायता मैसेज से एक दूसरे की सहायता करने से शुरू हुआ यह ग्रुप का यह सफर आज बहुत बड़ा हो चुका है। आगरा के साथ-साथ इस ग्रुप से आगरा के आसपास के यंगस्टर भी जुड़े हुए है। कोरोना वॉरियर्स ग्रुप में स्टूडेंट, स्टार्ट अप फाउंडर्स, नौकरी वाले, व्यापारी, लॉयर्स, डॉक्टर्स, टेक एक्सपर्ट, जर्नलिस्ट, युवा समाजसेवी है जो स्वयं की प्रेरणा और सेवा भाव से जुड़ते गए। यह युवा फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाकर कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में खाली बेड, एंबुलेंस व अन्य चिकित्सक सुविधाएं मुहैया करवाने आदि की सटीक जानकारी दे रहे है। ये लोग रोगियों को हॉस्पिटल में बेड, चिकित्सकीय परामर्श, सिलेंडर व एंबुलेंस आदि की सेवा मोबाइल फोन से हेल्प लाइन की तरह दिलवा चुके है।
यंग कोरोना वालिंटियर टीम में शामिल शुभम शर्मा ने बताया कि इस ग्रुप के माध्यम से ऐसे लोगों की मदद की गई जो ऑक्सीजन, दवाईयों या हॉस्पिटल में बेड के लिए के लिए दर-दर भटक रहे थे। किसी पीड़ित की समस्या मालूम होने पर उसे तुरंत ग्रुप में अपलोड किया जाता है और सभी लोग इस समस्या को दूर करने में अपने अपने स्तर से ही जुट जाते हैं। व्यक्ति की समस्या का समाधान मिल जाता है तो उस व्यक्ति को उसकी सूचना दे दी जाती है और वहां से उस व्यक्ति को ऑक्सीजन दवा या फिर जिस चीज की जरूरत होती है उपलब्ध कराई जाती है।
इस ग्रुप से जुड़ी हुई गौरवी मल्होत्रा का कहना है कि इस ग्रुप से लगभग 600 यंगस्टर अभी तक जुड़ चुके हैं। काफी लोगों को इस ग्रुप से मदद मिल चुकी है। जब पीड़ित को मदद मिलती है तो एक सुखद अनुभूति होती है और यही एक सच्ची सेवा का भाव होता है। फिलहाल इस ग्रुप के माध्यम से पीड़ितों की मदद करने का जरिया जारी रहेगा
“यंग कोरोना वालिंटियर” टीम के वॉरियर्स के रूप में इशांत मुलानी, रचित बंसल, साक्षी, पुष्पनीत कौर, ईशान शर्मा, शुभांकर जादौन, संस्कार दुबे, कुशाग्र जैन, दीपाली, विश्वदीप सिंह युवा भी काम कर रहे हैं।