आगरा। ताज नगरी आगरा में एक रेलवे ट्रैक ऐसा भी है जो किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। आगरा ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग शिवनगर नगला पुलिया का ये रेलवे ट्रैक कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। दरअसल शिव नगर नगला पुलिया और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग यहां रेलवे ट्रैक को पार करने के लिए जान हथेली पर रख कर निकलते हैं। यहां के लोगों की मांग है कि ट्रक को पार करने के लिए अंडर पास पुलिया बनाई जाए मगर तमाम हादसों के बावजूद भी ना तो रेलवे प्रशासन ने आंखें खोली और ना ही सियासत करने वाले विधायक और सांसद इन लोगों की समस्या का निराकरण कर पाए।
हमारेे पास शिव नगर नगला पुलिया के हैरतअंगेज करने वाले कुछ वीडियो और फोटो है जिन्हें देखकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। फोटो और वीडियो ऐसे कि आपके रोंगटे खड़े कर दे। यानी स्कूल जाने वाले मासूम स्कूली बच्चे जान हथेली पर रखकर ट्रेन के नीचे से निकलते है। सोचिए रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान समय ट्रेन के नीचे से निकलते समय अगर ट्रेन चल दे तो ना जाने कितने लोग काल के गाल में समा सकते हैं। स्कूल जाते स्कूली बच्चों की ट्रेन के नीचे और रेल की पटरी दोनों के बीच में से निकलते हुए वीडियो गवाह है। इस बात के कि रेलवे प्रशासन कुंभकरण की गहरी नींद में सोया है तो सियासत करने वाले लोग चाहे वह विधायक हो या सांसद समय आने पर केवल दावे और वायदे ही करते हैं ।
एससी आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने सांसद रहते हुए यहां के लोगों के साथ में शिव नगर नगला पुलिया के अंडरपास बनाए जाने को लेकर धरना दिया था। धरने में शामिल सांसद रामशंकर कठेरिया ने पुलिया की मांग और लोगों की समस्या के निराकरण के लिए तत्कालीन डीएम और रेलवे प्रशासन को जमकर हड़काया था । भरी सभा में रामशंकर कठेरिया ने कहा था कि चिंता मत करो डीएम आएगा नाक रगडेगा और कहेगा पुलिया बनवा देंगे। देखिये राम शंकर कठेरिया ने जनता को क्या आश्वासन दिया था।
रेल की पटरी और ट्रेन दोनों के बीच में से जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते स्कूली बच्चों के लिए वीडियो भले ही हैरतअंगेज करने वाले हो पर ये रेलवे प्रशासन के गाल पर एक जोरदार तमाचा है। साथ ही अगर यहां कोई हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते स्कूली बच्चे के अलावा कुछ फोटो भी हमारे है। जो बेहद शर्मनाक है । अब इस फोटो को देखिए जहां एक तरफ स्कूल के बच्चे ट्रेन के नीचे से निकल रहे हैं तो वही अंतिम संस्कार करने वाले लोगों के लिए जाने को रास्ता नहीं है । यहां अंतिम संस्कार को जाते लोग शव को ट्रेन के नीचे से लेकर निकलते हैं । सोचिए जरा ट्रेन के नीचे से निकलते लोग कैसे अंतिम संस्कार करने जाते हैं। यह फोटो रेलवे विभाग की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। अगर जरा सी ट्रेन चली तो अंतिम संस्कार को जाते लोगों के साथ न जाने कितनी और लाश रेलवे ट्रैक पर बिछ जाएंगी।
जान हथेली पर रखकर ट्रेन के नीचे से निकलते स्कूली बच्चे कहते हैं तो जब वह इस मौत के रेलवे ट्रैक को पार करते हैं तो उनकी रूह कांपने लगती है। डर लगने लगता है । मगर स्कूल जाना और पढ़ाई करना भी जरूरी है । ऐसे में यह मासूम स्कूली बच्चे रेलवे प्रशासन की व्यवस्था को कोस रहे है।
वर्षों पुरानी लोगों की यह मांग कब पूरी होगी। इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। मगर हमारे पास जिस तरीके की वीडियो और फोटो सामने आए है निश्चित तौर पर रेलवे प्रशासन और सियासत करने वाले विधायक और सांसदों को इस पर गहन चिंता कर तत्काल लोगों की समस्या के निराकरण करने की जरूरत है। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब यह मौत का रेलवे ट्रैक और कुछ लोगों को काल के गाल में खींच कर ले जाएगा।