आगरा। आगरा जिले में बुधवार रात को आये तूफान ने पूरी तरह से तबाही मचाई है। जिधर नजर डालो उस तरफ ही तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। इस तूफान ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से तो नुकसान पहुँचाया ही लेकिन कुछ लोगों ने तो जान और माल दोनों को ही गंवा दिया।
गुरूवार को जब वर्तमान प्रदेश और केंद्र सरकार के नुमाइंदे धरना देकर कांग्रेस पर हमलावर हो रहे थे उस समय एक-एक करके ग्रामीण क्षेत्रों से शव पोस्टमार्टम के लिए आगरा पहुँच रहे थे। गुरूवार को जिन लोगों के के शव पोस्टमार्टम के लिये पहुँचे उन सब की जान इस तूफान ने ली थी।
आगरा पोस्टमार्टम हाउस पर देहात क्षेत्रों से 14 से अधिक शव लाये गये और दर्जनों गंभीर घायल को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इन लोगों की सुध भाजपा के जनप्रतिनिधियो ने नहीं ली। दोपहर तक किसी भी शव के पोस्टमार्टम न होने की सूचना मिलते ही कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पोस्टमार्टम गृह पहुँचे।
उपेन्द्र सिंह ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना भी दी। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम में हो रही देरी पर एसएन प्रशासन से वार्ता की और जल्द से जल्द पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरु कराई।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह का कहना था कि जनता की वेदना सुन उनका दर्द बांटने से ज्यादा भाजपा के लिये धरना प्रदर्शन हो गए हैं। कल की त्रासदी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। जान और माल का नुकसान हुआ लेकिन उनके पास जाने के अपेक्षा भाजपा के जनप्रतिनिधि उपवास और धरना दे रहे है। इन लोगों को जनता से कोई सरोकार नहीं है।