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सड़क किनारे जंजीर में जकड़े बच्चे को देखकर ठिठके कदम, माँ ने बताई दुखभरी दास्ताँ

by pawan sharma

Agra. जो उम्र बच्चों की खेलने की है मां के दुलार करने की है। उस उम्र में अपने इकलौते जिगर के टुकड़े को जंजीरों में कैद करने को एक माँ मजबूर हो गई है। यह नजारा मानसिक चिकित्सालय की रोड पर देखने को मिला। जिसने भी यह दृश्य देखा वो हैरान रह गया और फिर उसके उसके बारे में पूछने लगा कि आखिर का बच्चों को जंजीरों में कैद क्यों रख कर रखा है।

48 डिग्री सेल्सियस तापमान में जहां हर कोई इस भीषण गर्मी से बचने के लिए एसी और कूलर का सहारा ले रहा है। ऐसे में एक मासूम बच्चा जंजीरों में जकड़ा हुआ सड़कों पर दिखाई दिया। जब बच्चे की मां से वार्ता हुई तो उसका दर्द छलक आया।
गोरखपुर के अलीनाबाद के रहने वाले अमित पांडे और उनकी पत्नी दीप शिखा ने बताया कि 12 वर्ष का इकलौता पुत्र वंश मानसिक रूप से बीमार है। वो किसी पर भी हमला कर देता है। कई बार खुद को नुकसान पहुंचा लेता है। मजबूरन उसे जंजीरों में जकड़ कर रखना पड़ता है।

पीड़िता ने बताया कि बेटे के इलाज के लिए वो शनिवार को आगरा के मानसिक चिकित्सालय इलाज के लिए लाए थे। यहां चिकित्सकों ने उसे भर्ती नहीं किया और मंगलवार को बुलाया है। उनके पास इतना धन नहीं है कि वो किसी होटल में रूक सके इसलिए मजबूरन उन्हें एमजी रोड पर आगरा कालेज के पास फुटपाथ पर रहकर समय गुजारना पड़ रहा है। इतनी गर्मी के बीच पानी के लिए भी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। कोई खाने के लिए दे जाता है तो खा लेते हैं। वरना भूखे रहने को मजबूर हैं।

वहीं इस घटना की जानकारी होने पर समाजसेवी नरेश पारस ने मानसिक रूप से बीमार बच्चे को लेकर मानसिक चिकित्सालय प्रशासन से बात की, जिसके बाद बच्चे को भर्ती कर लिया गया है।

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