Agra. रुनकता से अगवा की गई छात्रा का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। बताया जा रहा है कि आरोपी जिम संचालक साजिद ने छात्रा को ले जाने से पहले पूरी तैयारी कर रखी थी। परिजनों का आरोप है कि उसने अपना धर्म बदला। नाम साजिद से साहिल रख लिया। इसके बाद आर्य समाज वैदिक संस्कार ट्रस्ट में शादी रचा ली। धर्म परिवर्तन के प्रमाण पत्र लगाए। उसके शादी के प्रमाण पत्र और शपथ पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। परिजनों को भी ये मिल गए हैं।
रुनकता के व्यापारी मोहल्ला निवासी साजिद 11 अप्रैल को युवती को ले गया था। इसके बाद दिल्ली पहुंचा। 12 अप्रैल को दिल्ली के राजेंद्र मार्केट स्थित आर्य समाज वैदिक संस्कार ट्रस्ट में हिंदू रीति रिवाज से शादी की। इससे पहले अपना धर्म परिवर्तन भी किया। उसने शपथ पत्र दिया कि वह मुसलिम से हिंदू में धर्म परिवर्तन कर रहा है। इसमें किसी का दबाव, धोखाधड़ी और जबरदस्ती नहीं है। उसे नए नाम साहिल से जाना जाए। अपने पूरे होशो हवास में युवती से शादी कर रहा हूं। वह युवती को सात साल से जानता है। शादी और धर्म परिवर्तन के लिए खुद जिम्मेदार है। इसके बाद उसने युवती के साथ वीडियो बनाया।
इसमें युवती अपनी मर्जी से आने की बात कर रही थी, जिससे युवती के परिजन युवक के परिजनों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएं। शपथ और शादी का प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी किए गए। इसके बाद युवती को पुलिस बरामद कर लाई थी। युवती के पिता का आरोप है कि ये साजिद ने साजिश की है। वह अकेला नहीं है। वह पहले से तैयारी करके गया था। बेटी का धर्म परिवर्तन कराता तो फंस सकता था। मगर, उसने अपना धर्म परिवर्तन किया। उनके प्रमाण मिल गए हैं। यह सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं।
छात्रा के कुछ वीडियो वायरल हुए। इसमें वो कह रही है कि ‘मैं बालिग हूं। अपनी मर्जी से आई हूं। युवक भी अपनी उम्र बता रहा है। छात्रा कहती है कि जो एफआईआर कराई गई है, वो गलत है। उसे रद्द कर दिया जाए। हम एक साथ ही रहेंगे, चाहे फिर कोई कुछ ही क्यों न कर ले। पिता के दिमाग में कुछ लोगों ने गलत भर दिया है।’ उधर, पिता का कहना है कि बेटी को बहका दिया गया है। पुलिस ने भी उनकी उससे बात नहीं करने दी। अगर, वो युवक के साथ रहना चाहेगी तो वो उससे रिश्ता तोड़ लेंगे।
छात्रा के पिता ने कहा कि वह परेशान हैं। बेटी के जाने से दिन का चैन और रात की नींद चली गई है। वो तो चाहते है कि बेटी जल्द वापस आ जाए। मगर, बेटी को पुलिस ने आश्रय गृह भेज भेज दिया। शुक्रवार को समाज के लोग जुटे थे। उन्हें बुलाया गया था। इसलिए गए थे। उनका आगजनी और तोड़फोड़ करने वालों से कोई लेना-देना नहीं है। यह सब करने वाले कौन थे, नहीं जानते हैं।