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आगरा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल मूर्ति का किया अनावरण

by admin
Governor Anandiben Patel unveils Iron Man Sardar Vallabhbhai Patel statue in Agra

आगरा। आज मंगलवार को सरदार बल्लभ भाई पटेल कूर्मी क्षत्रिय महासभा आगरा मंडल द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदम कद मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम स्थल के पास श्री अग्रसेन भवन लोहामंडी पर विचार गोष्ठी एवं सर्व समाज सम्मान समारोह का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की आगरा महापौर नवीन जैन ने आगवानी की। महापौर राज्यपाल को कार्यक्रम स्थल पर लेकर पहुंचे, जहां पर मौजूद केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, पूर्व राज्यपाल एवं भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह, राज्य मंत्री डॉक्टर जी एस धर्मेश, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, विधायक महेश गोयल, विधायक हेमलता दिवाकर आदि जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल का स्वागत सत्कार किया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रिमोट से बटन दबाकर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति एवं पेडस्टल का अनावरण किया। अनावरण होने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति के सामने लगे भव्य वाटर फाउंटेन का भी राज्यपाल द्वारा लोकार्पण किया गया। जैसे ही अनावरण हुआ वैसे ही मौके पर मौजूद उत्साहित लोगों ने जयकारे लगाए। इसके बाद राज्यपाल कार्यक्रम स्थल के पास ही अग्रसेन भवन लोहा मंडी पर आयोजित भव्य विचार गोष्ठी एवं सर्व समाज सम्मान समारोह स्थल पर पहुंची, जहां पर सरदार बल्लभभाई पटेल कूर्मी क्षत्रिय महासभा द्वारा राज्यपाल का स्वागत अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर नवीन जैन द्वारा की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा होम्योपैथिक जगत में कई सालों से अपनी सेवा दे रहे विश्व विख्यात डॉ आर एस पारीक सहित कोरोना काल में मरीजों की सेवा हेतु आग्रणी भूमिका निभाने वाले चिकित्सक और सर्व समाज के प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। इसके बाद महापौर नवीन जैन द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया।

महापौर नवीन जैन ने उद्बोधन देते हुए कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल कूर्मी क्षत्रिय महासभा के लोगों ने मुलाकात कर लौह पुरुष की मूर्ति स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि अखंड भारत को एकता में पिरोने वाले और एकीकरण का मार्गदर्शन देने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक भी मूर्ति शहर में नहीं है। उन्होंने इस प्रस्ताव के लिए तुरंत हामी भर दी। महापौर ने बताया कि वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति स्थापित करने के लिए हमने ऐसे स्थान का चुनाव किया, जहां से हजारों की संख्या में न केवल शहरवासी गुजरते हैं बल्कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों में घूमने वाले पर्यटक भी इसी जगह से होकर गुजरते हैं। महापौर ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज आपके कर कमलों द्वारा ऐसे महापुरुष की मूर्ति का अनावरण हुआ है कि आज से जब लोग यहां से गुजरेंगे तो न केवल लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के बारे में जानेंगे बल्कि उनकी मूर्ति को देख कर गौरवान्वित महसूस करेंगे।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपना उद्बोधन दिया। मूर्ति अनावरण होने के बाद सभी को बधाई देते हुए अपना उद्बोधन शुरू किया। राज्यपाल ने कहा कि सरदार वल्लभभाई ने देश आजादी से पहले और बाद में राष्ट्र हित में कई काम किए। उनके बारे में जानना और उस पथ पर चलना यह हमारा दायित्व है। उन्होंने बताया कि वल्लभभाई पटेल पढ़ाई के समय अपने घर से 16 किलोमीटर दूर पैदल चलकर स्कूल पढ़ने जाते थे। इसके बाद अहमदाबाद में उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई की। वकालत की पढ़ाई के बीच में वह चुनाव लड़े। 2-3 चुनाव हारने के बाद जब अगला चुनाव वह जीते तब उन्होंने अहमदाबाद शहर के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर काम किया। उनकी सोच इतनी परिपक्व और दूरगामी थी कि उन्होंने अहमदाबाद शहर का जो ड्रेनेज सिस्टम बनवाया, मेरे हिसाब से 50-55 साल बाद भी आज तक वह ड्रेनेज सिस्टम न तो टूटा है और न ही शहर में ड्रेनेज को लेकर अभी तक कोई परेशानी आई है।

उस समय अहमदाबाद शहर से दूर साबरमती नदी बहती थी जो आज शहर के अंदर से होकर जाती है, तब वल्लभ भाई ने अस्पताल बनवाने के लिए नदी के पार जाकर लगभग 1000 एकड़ जमीन ली। उस समय शहर वासियों को यह अजीब लगा कि इतनी दूर इलाज कराने कौन जाएगा। लेकिन अस्पताल निर्माण को लेकर उनकी जो दूरगामी सोच थी, उसी का यह परिणाम है कि आज पूरा गुजरात अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उसी हॉस्पिटल में जाता है। क्योंकि सरदार वल्लभभाई पटेल जानते थे कि एक अस्पताल के निर्माण में मरीजों की सहूलियत के हिसाब से जगह कितनी मायने रखती है।

उद्बोधन के अंत में उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के ऐतिहासिक जीवन दर्शन पर भी प्रकाश डाला कि कैसे उन्होंने वकालत की पढ़ाई छोड़ कर गांधी जी द्वारा चलाए गए आंदोलनों में भाग लिया और अंग्रेजों से टक्कर ली। राज्यपाल ने गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी के रूप में प्रसिद्ध साबरमती नदी के किनारे स्थापित विशाल सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति के बारे में भी बताया कि किस तरह से इस मूर्ति को स्थापित करने की कार्य योजना तैयार की गई और आज प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक उसे देखने के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में राष्ट्रहित में अपना अमूल्य योगदान देने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में सोचा और उन्हें एक विश्व स्तरीय पहचान दिलाई।

केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने भी उद्बोधन देते हुए मूर्ति अनावरण के लिए राज्यपाल को धन्यवाद दिया, साथ ही महापौर नवीन जैन को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि आप इस दिशा में प्रयास नहीं करते तो यह काम कभी सार्थक नहीं होता। वहीँ आयोजकों द्वारा सर्व समाज के प्रतिनिधियों के किए गए सामान की भी उन्होंने सराहना की।

इस मौके पर विधायक योगेंद्र उपाध्याय और जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया भी मंच पर मौजूद रहीं।

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