Home » डूबे हुए व्यक्ति को पानी से निकाल कर तत्काल ऐसे दें प्राथमिक उपचार

डूबे हुए व्यक्ति को पानी से निकाल कर तत्काल ऐसे दें प्राथमिक उपचार

by pawan sharma

आगरा। आपदा विशेषज्ञ शिवम कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया है कि प्रायः देखने में आ रहा है जनपद में डूबने से मृत्यु की घटनाए तेजी से बढ़ रही हैं। बढ़ती गर्मी से राहत पाने हेतु घाटो/तालाबों/पोखरों/नदी/नहर आदि में स्नान करने के दौरान बच्चो/किशोर/किशोरियों एवं अन्य व्यक्तियों की मृत्यु डूबने के कारण हो रही हैं। कई परिवारों के चिराग बुझ गए हैं। यह स्थिति सम्बंधित परिवारों के लिए त्रासद है। इन बहुमूल्य जिन्दगियों को बचाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आगरा द्वारा जनसामान्य से निम्नलिखित बातो पर ध्यान देने हेतु आग्रह किया है-

खतरनाक घाटों/तालाबों/गड्डों के किनारे न जायें न ही बच्चों को जाने दें। डूबते हुए व्यक्ति को धोती, साडी, रस्सी या बांस की सहायता से बचायें तथा तैरना नहीं जानते हों तो पानी में न जाएँ और सहायता के लिए पुकारे।

बच्चों को स्वीमिंग पुल/तालाबों/गड्डों/तेज पानी के बहाव में जानें से/स्नान करने से रोकें। बच्चों को पुल/पुलिया/उँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। यदि बहुत ही आवश्यक हो तो ही नदी के किनारे जायें, परंतु नदी में उतरते समय उसकी गहराई का ध्यान रखें।

गाँव/गलियों में डूबने की घटना होने पर आस-पास के लोग आपस में एकत्रित होकर ऐसी दुःखद घटना की चर्चा अवश्य करें, कि किस कारण से इस तरह की घटना हुई और ऐसा क्या किया जाए कि इस तरह की घटना फिर कभी न हो।

नाव/नौकाओं में बैठतें समय भी लाइफ जैकेट अवश्य पहनें। सबसे पहले देख लें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुँह व नाक में कुछ फंसा तो नहीं है यदि है तो उसे निकाले। नाक व मुँह पर उँगलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि डूबे हुए व्यक्ति की सांस चल रही अथवा नहीं। नब्ज की जाँच करने के लिए गले के किनारे के हिस्सों में उँगलियों से छू कर जानकारी प्राप्त करें कि नब्ज चल रही है अथवा नहीं। नब्ज साँस का नहीं पता चलने पर डूबे हुए व्यक्ति के मुँह से मुँह लगाकर दो बार भरपूर सॉस दें व 30 बार छाती के बीच में दबाव दें तथा इस विधि को 3-4 बार दुहराएँ। ऐसा करने से धड़कन वापस आ सकती है व साँस चलना शुरू हो सकती है।

यदि डूबा हुआ व्यक्ति खॉस / बोल/साँस ले सकने कि स्थिति में है तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। मूर्चछा या बेहोशी आने पर पुनः साँस देने व छाती में दबाव देने की प्रक्रिया शुरू करें तथा उपरोक्त प्रक्रिया के बाद बचाए गए व्यक्ति को अविलम्ब नजदीकी डॉक्टर अथवा प्राथमिक चिकित्सा पर ले जाएँ।

Related Articles

Leave a Comment