- क्षेत्रीय लोगों नेे 17 जुलाई 2023 को दिया था प्रार्थना पत्र, नहीं हुई कोई कार्रवाई,
- एक हॉल व दो कमरे पूरी तरह गिरे, और भी कमरे हैं गिरासू
- मरने को तैयार लेकिन मंदिर के कमरे नहीं छोड़ रहे किराएदार
- मंदिर में ताले डालकर अपने मकानों में रह रहे हैं किराएदार
आगरा। श्रीरामचंद्र जी के प्राचीन मंदिर के आज एक हॉल व दो कमरे (20 बाई 40 के क्षेत्र) पूरी तरह से ढह गए। तीन कमरे और गिरासू हैं। इसके लिए नगरायुक्त को क्षेत्रीय लोगों ने 17 जुलाई 2023 को प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन कुछ क्षेत्रीय नेताओं की लीपापोती के कारण नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। यदि आज दीवार ध्वस्त होते समय कोई दुर्घटना हो जाती तो आखिर जिम्मेदार कौन होता। आज लगभग 8 ट्रॉली मलवा नगर निगम की टीम ने मंदिर से उठाया और लगभग 12 ट्राली मलवा उठना बाकी है।
लोहामंडी स्थित जटपुरा खातीपाड़ में श्रीराम चंद्र जी के मंदिर की दुर्दशा वहीं के किराएदार बने हुए हैं। जिसके कारण मंदिर का विकास भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। थोड़े से लालच में मंदिर के गिरासू कमरो पर किरायेदारों का कब्जा है, जो खाली नहीं कर रहे हैं। जबकि ज्यादातार किराएदारों के अपने अपने मकान हैं फिर भी मंदिर के कमरों में ताला डालकर बैठे हैं। आज जो दीवार गिरी है उसमें सरकारी कंट्रोल चलता था। एक कमरे में पुराने पंडित जी ने ताला डाल रखा था, जबकि वह यहां अब नहीं रहते हैं। दूसरे कमरे में मनोज कश्यप रह रहे हैं। कमरा गिरने पर भी सामान को मंदिर के आंगन में ही शिफ्ट कर दिया है, लेकिन चाबी नहीं सौंपी जा रही है। वहीं एक कमरे पर मनोज व दूसरे पर कुलदीप का कब्जा है। इन लोगों ने डर के कारण कमरा तो खाली कर दिया है लेकिन सामान मंदिर में ही रखा है। जितने भी किराएदार हैं उनमें से कोई भी मंदिर को किराया नहीं देता। मंदिर कमेटी के दिनेश पाठक, विनय अग्रवाल, रामदास कटारा, मौनी पारीक, मटरू सिंह, मुकेश लोधी ने कहा कि नगर निगम अन्य गिरासू कमरों का निरीक्षण कर कोई दुर्घटना न हो इस बात को सुनिश्चित करें।