आगरा। देश के 72वें गणतंत्र दिवस को हर कोई मना रहा था। हर व्यक्ति आजादी के इस जश्न में डूबा हुआ था। इसी दौरान एक सड़क हादसा हुआ और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लोगों के खून निकल रहा था और राहगीर तमाशबीन बने हुए थे। तभी मौके पर पहुँचे खाकीधारी एक अधिकारी ने किसी की परवाह किये बगैर सभी घायलों को गोद में उठाकर अपनी गाड़ी में बिठाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। पुलिस के इस अधिकारी की तत्परता के चलते 4 लोगों की जान बच गई। इस दौरान पुलिस अधिकारी की वर्दी खून से लाल हो गई लेकिन लोग पुलिस की इस कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए नजर आए।
बताया जाता है कि फिरोजाबाद के उत्तर थाना क्षेत्र के रहने वाले रिंकू अपनी पत्नी सिंह की मां आशा और 1 वर्ष के बेटे गोलू को लेकर अपनी बाइक से मथुरा की ओर जा रहे थे। रुनकता में उन्हें पीछे से आ रही कार ने टक्कर मार दी, वे सभी रोड पर गिर गए और कार के नीचे फंस गए। लोगों ने बताया कि कार सवार ने कार रोककर नीचे फंसे लोगों को बाहर निकालने की बजाए कार को पीछे कर दिया और लोगों के ऊपर कार चढ़ गई। इस घटना को अंजाम देकर गाड़ी चालक रफ्तार देकर मौके से फरार हो गया।
लोग भीड़ देख वहां से गुजर रहे चौकी प्रभारी रुनकता केशव देव शांडिल्य मौके पर पहुंच गए। चौकी प्रभारी ने घायल अवस्था में 4 लोगों को देख एंबुलेंस को कॉल किया लेकिन एंबुलेंस को आने में देर हो रही थी। ऐसे में खुद किसी से कुछ बिना कहे चौकी प्रभारी ने घायलों की मदद के लिए कदम बढ़ाया। उन्होंने घायल अवस्था में मां को उठाया और अपनी कार में बैठाया। चौकी प्रभारी को मदद करता देख कुछ और लोग आगे आए और सभी घायलों को गाड़ी में बिठा कर हाईवे स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चौकी इंचार्ज ने उन सभी का उपचार शुरू कराया और इस घटना की जानकारी घायलों के परिजनों को भी दी। समय से इलाज मिलने के कारण घायल हुए युवक महिला और बच्चे की हालत अब खतरे से बाहर है।
घायल के परिजनों ने बताया कि चौकी प्रभारी केशव देव शांडिल्य ने ही चारों की जान बचा ली, नहीं तो अत्यधिक खून बह जाने से कुछ भी हो सकता था
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