आगरा। चंबल नदी घाट पर अवैध नावों के संचालन की सूचना पर छापेमारी करने गई वन विभाग की टीम पर अवैध शराब एवं मछली तस्करों ने फायरिंग की और चंबल के बीहड़ में कूदकर मौके से फरार हो गए। वन विभाग की टीम ने दो नावों को ज़ब्त कर नष्टकर आधा दर्जन से अधिक तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार पिनाहट थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव क्योरी बीच का पुरा के चंबल नदी घाट पर उत्तर प्रदेश -मध्य प्रदेश के बीच असामाजिक तत्व तस्करों द्वारा 2 नावों का अवैध तरीके से चंबल नदी सेंचुरी में संचालन किया जा रहा था। वन विभाग कर्मियों को लगातार मुखबिर द्वारा अवैध संचालित नावों से नदी से मछली एवं शराब तस्करी की सूचनाएं मिल रही थी। अवैध संचालित नावों को लेकर वन दरोगा ओंमकार सिंह ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया।
सोमवार की शाम को वन विभाग की टीम ने अवैध नावों को पकड़ने के लिए चंबल नदी बीच का पुरा घाट पर छापेमारी की, जहां 2 अवैध नावों का संचालन होता मिला। मध्य प्रदेश के वन विभाग कर्मियों को सूचना देकर नावों को पकड़वाने के लिए मदद मांगी गई और पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया गया। दोनों प्रदेशों की वन विभाग की टीम सहित पुलिस ने अवैध नावों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की जिस पर शराब एवं जलीय जीव मछली तस्कर अपने आपको चारों तरफ से घिरता देख वन विभाग एवं पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। टीम ने छुप कर अपनी जान बचाई। दोनों नावों पर सवार लगभग 10 लोग चंबल नदी किनारे नावों को छोड़कर बीहड़ में कूदकर मौके से फरार हो गए।
वन विभाग की टीम ने दोनों अवैध नावों को कब्जे में लेकर नष्ट कर दिया है। वन विभाग के कर्मचारी योगेश कुमार अवैध नावों का संचालन करने वाले तस्कर नरेश पुत्र रामवीर, काके पुत्र होतम सिंह, खिल्ली पुत्र पंचम सिंह, कैलाश पुत्र स्नेही, डब्बली पुत्र रामप्रकाश, निवासीगण रायपुर थाना महुआ, सत्यभान पुत्र करन सिंह निवासी खुर्द थाना महुआ जिला मुरैना मध्य प्रदेश एवं चार अज्ञात के खिलाफ चंबल सेंचुरी क्षेत्र में जलीय जीवो के शिकार के उद्देश्य एवं अवैध रूप से नावों का संचालन करने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 09, 27, 29, 50, 51 के तहत वन विभाग ने मामला दर्ज कर थाना पिनाहट में तहरीर देकर उक्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। छापेमारी के दौरान टीम में शामिल वन दरोगा ओंमकार सिंह, दिलीप कुमार, अंशुल कुमार, सिद्धार सिंह, मध्य प्रदेश वन विभाग के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी मौजूद रहे।