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‘दिल से बना भोजन आत्मा को संतुष्टति प्रदान करता है’ – शेफ गौतम चौधरी

by admin

आगरा। सब्जिओं के झिल्को को उबालकर वेजिटेबल सूप बना सकते हैं, तरबूज के झिल्को से फ्रूट जैम बना सकते हैं, और दिल से बना भोजन आत्मा को संतुष्टति प्रदान करता है यह बातें कहीं शेफ गौतम चौधरी ने। आज शीरोज हैंगऑउट कैफ़े में शेफ गौतम चौधरी ने 3 घंटे की कौशिक विकास कार्यशाला एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए आयोजित की।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की पूर्व दिवस पर आयोजित कार्यशाला ने खाद्य को बर्बाद नहीं देने पर जोर दिया। खाद्य बर्बादी न करने वाला ही एक अच्छा कुशल शेफ है। दिल से बना भोजन आत्मा को संतुष्टति प्रदान करता है। शेफ गौतम ने सर्वाइवर्स को क्रॉकेटस (एक फ्रेंच डिश) बनाकर सिखाई। उन्होंने क्रॉकेटस को अपने मुताबिक़ बदलाव करने के लिए भी सुझाव दिया। शेफ के द्वारा बनायीं गयी डिश सभी ने बहुत पसंद किया।

शेफ गौतम चौधरी ने कहा कि फल और सब्जियों की पूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए, हम सबको खाद्य बर्बादी रोकनी चाहिए। उन्होंने आगे भी कार्यशाला करवाने में मदद के लिए सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने एसिड अटैक सर्वाइवर्स को आगे ट्रेनिंग करवाने, जॉब सम्बन्धी सहयोग की बात कहीं।

नगमा, एसिड अटैक सर्वाइवर ने बताया कि जो खाना हम लोग अक्सर फेक देते हैं उसको बचाना और उसका भी सदुपयोग करना बेहद आवश्यक हैं। यह कार्यशाला हमारे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा।

रुकैया, एसिड अटैक सर्वाइवर ने बताया कि उन्होंने अपने अनुभव साझा किये, जो हमारे लिए फायदेमंद साबित होंगे। मुझे इस कार्यशाला में सहभागिता करके बहुत अच्छा लगा।

आशीष शुक्ल, निदेशक, छाँव फाउंडेशन ने बताया कि सर्वाइवर्स के लिए कार्यशाला बेहद ही जरूरी है। एसिड अटैक सर्वाइवर्स होने के नाते उनके संघर्ष को सझते हुए विशिष्ट कार्यशालाओं की आवशयकता है उनकी तकनीकी समस्याओं को समझते हुए कार्यशालाओं का आयोजन उनके सर्वागीण विकास में सहयोग करेगा।

अजय तोमर, जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि शेफ गौतम के अनुभव को साझा करके, एक अनुभवशील कार्यशाला को संपन्न किया। मुझे विश्वास हैं हम आगे भी खाद्य संबधी कार्यशाला, एसिड अटैक सर्वाइवर्स के कौशल विकास के लिए करवाते रहेंगे। शेफ गौतम ने शीरोज़ हैंगऑउट के मेनू में बदलाव के लेकर भी अपना अनुभव साझा करने की मदद की पेशकश की।

शेफ गौतम ने बताया कि वह कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ वीमेन एन्त्रेप्रेंयूर्स से जुड़े हुए हैं जिसका मकसद उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं का उत्थान करना है। वह आईएचएम लखनऊ के विद्यार्थी रहे हैं। उनको 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।

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