आगरा। यमुना एक्सप्रेस वे में अधिकृत भूमि में पीड़ित किसानों की आज की बैठक शुरू होने से पहले ही भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर किसानों के तेवर काफ़ी गरम थे। कोई भी बैठक में बैठने को तैयार ही नहीं था। किसानों का कहना था कि अभी नहीं तो कभी नहीं। यानि भूमि अधिग्रहण को लेकर जो उनकी मांगे थी वह न मानने तक कोई बैठक आया शासन-प्रशासन से किसी भी तरह की बातचीत नहीं होगी। बैठक सुबह रामीगढी में समय पर ही शुरू हुई। अध्यक्षता ब्रज बाबा ने की और संचालन सर्वेश सिकरवार कर ही रहे थे कि इसी बीच किसानों की नौजवानों की टीम ने यमुनाएक्सप्रेस वे पर पहुँच कर जाम कर दिया। यह जाम लगभग 1 घंटे रहा।
गांव के लोग एम्बूलेंस और बुज़ुर्ग लोगों को निकलवाने में मदद करते रहे। गांव के बुजर्गों ने कहा कि हमने अपना सन्देश शासन और प्रशासन को दे दिया है। इधर जाम से गर्मी से जनता परेशान हो रही है इसलिए जाम को खोला जाता है।
मनोज शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक राम प्रताप चौहान से किसान उनके निवास पर जाकर मुलाकात करेंगे और अपना दुखडा व्यक्त करेंगे। किसान इन मुद्दों पर आगरा से लखनऊ तक पैदल रैली भी कर चुके हैं। भूमि अधिग्रहण पीड़ित किसानों की मुख्य समस्या निम्न है-
1. 25 हेक्टयर का वह किसान जिसने आज तक करार नहीं किया है और जमीन पर भी कब्ज़ा है उसकी जमीन खसरा खतौनी में किया जाए।
2. किसानों को 64.7% और 10%विकसित भूमि शीघ्र दी जाए।
3. किसानों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस किये जाएं।
आज की बैठक में राजेन्दर सिंह, दीवान जी, भोला, राकेश, धर्मपाल, कान्हा, बन्टी सिकरवार, नरेन्द्र शर्मा, उदयवीर सिंह, प्रणवीर, राजपाल, मुकेश, विजय सिंह , सतेन्द्र, शिव सिंह, लक्ष्मन, केरन सिंह, बिपिन, असमान सिंह, छेदी सिंह, वंशी, गौरी शंकर आदि प्रमुख रुप से उपस्थिति रहे।