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आगरा में बन रही है नकली डीएपी खाद, तीन गोदामों पर हुई छापेमार कार्रवाई के बाद मुकदमा दर्ज

by admin
Fake DAP fertilizer is being made in Agra, after the raid on three warehouses, a case has been registered

आगरा। आगरा जनपद में एक तरफ किसान डीएपी खाद की कमी के चलते समस्या से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी और खाद विक्रेताओं ने इसे आपदा में अवसर के रूप में तब्दील करते हुए डीएपी निर्माण में जमकर धांधली कर रहे हैं। देहात क्षेत्रों में कई दुकानों में डीएपी नकली खाद बनाने से लेकर नकली पैकिंग का मामला सामने आया है जिसके बाद अभी तक लगभग 3 दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर उन पर एफआईआर हो चुकी है। बड़ी परेशानी की बात यह है कि डीएपी की असली और नकली पैकिंग मैं कोई ज्यादा अंतर नहीं है जिसके चलते आम किसान चकमा खा जाते हैं।

जिला कृषि अधिकारी विनोद सिंह ने बताया कि नकली उर्वरक बनाने और पैकिंग के मामले में तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अछनेरा में रेलवे कॉलोनी के पास कैमिनेक्स एग्री साइंसेज गोदाम पर छापा मारा तो वहां नकली खाद मिली। एत्मादपुर के रहन कला रोड पर एक गोदाम में नकली खाद बनाई जा रही थी तो वहीं जेतपुरा कलां, चित्राहट में आराध्या खाद भंडार के गोदाम में साबुन, डिटर्जेंट पाउडर व जिप्सम मिलाकर डीएपी की पैकिंग होती मिली। इन सभी जगह से पैकिंग और खाद जब्त कर लिए गए हैं।

असली व नकली डीएपी में अंतर

  • असली डीएपी में नाइट्रोजन और सल्फर का अनुपात 18/46 होता है।
  • डीएपी को चूने के साथ हाथ पर रगड़ने से तीक्ष्ण गंध आती है।
  • डीएपी से अगर तीक्ष्ण गंध न आए तो वह उर्वरक संदिग्ध हो सकता है।
  • असली डीएपी तवे पर रखकर हल्का सेकने पर फूले की तरह हो जाती है।

खेतों में आलू व गेहूं की बुवाई जोरों पर है। नवंबर में 19 हजार मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन आगरा के लिए हुआ है। बृहस्पतिवार तक आगरा के किसानों के लिए 5500 मीट्रिक टन डीएपी आई है। ऐसे में डीएपी किल्लत बरकरार है। कृषि अधिकारी विनोद सिंह का कहना है कि दो-तीन दिन में और नई रेक आनी वाली हैं। जिसके बाद आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।

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