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32 साल बाद भी वीर चक्र से सम्मानित शहीद को नहीं मिला सम्मान, पत्नी ने जताया आक्रोश

by admin
Even after 32 years, the martyr who was awarded the Vir Chakra did not get respect, the wife expressed outrage

आगरा। “शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशाँ होगा… मगर अफसोस। ना कोई निशाँ बाकी है, न कोई मेला है। बस पीछे छूट गए लोगों का उदास मन अकेला है। हम बात कर रहे हैं गांव नगला हीरा सिंह, थाना कागारोल, जनपद आगरा निवासी वीरांगना बृजेश देवी की। इस वीरांगना ने वीर चक्र से सम्मानित अपने शहीद पति के लिए फिर एक बार शहीद स्थल और उनके नाम पर सड़क मार्ग बनाए जाने की माँग शासन-प्रशासन से की है।

जाट रेजीमेंट की फोर्थ बटालियन के वीर सिपाही धारा जीत सिंह चाहर 1988-89 में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति सेना में शामिल थे। वे श्रीलंका के बबुनिया सेक्टर में तैनात थे। उन्होंने फोर्थ बटालियन कमांडर कर्नल विजय सिंह (विशिष्ट सेवा मेडल) और कंपनी कमांडर मेजर जे. घोषाल के नेतृत्व में अपनी टीम के साथ दुश्मन क्षेत्र बबुनिया सेक्टर में उत्तरी कमान के लीडर (लिट्टे आतंकवादी) जस्सी को मुठभेड़ में मार गिराया था। बाद में वह खुद भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। बहादुरी से भरी शहादत पर इनको केंद्र सरकार द्वारा 13 जनवरी 1989 को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

तब से 32 वर्ष गुजर गए। शहीद की पत्नी वीरांगना बृजेश देवी की आँखें तब से अपने पति के लिए शहीद स्थल की बाट जोह रही हैं, किंतु अब तक शासन-प्रशासन द्वारा उनको शहीद स्थल प्रदान नहीं किया गया है।

वीरांगना बृजेश देवी ने जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह और सांसद राजकुमार चाहर से मांग की है कि उनके गांव से निकलते ही जगनेर रोड पर शहीद स्थल और वीर शहीद के नाम पर सड़क मार्ग बनाया जाए ताकि हजारों युवाओं को अपने देश के लिए मर मिटने की प्रेरणा मिले और लोगों में देशभक्ति का जज्बा जागृत हो।

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