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इंजीनियरिंग और फार्मेसी के छात्र बनाएंगे फ्रेगरेंस प्रोडक्ट , जाने कैसे

by pawan sharma

आगरा। डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित IET इंजीनियरिंग विभाग में एक डिस्टिलेशन यूनिट मशीन लगाई गई है जिसका उद्घाटन सोमवार को आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित ने किया। उद्घाटन के बाद कुलपति ने बताया कि अब आगरा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और फार्मेसी विभाग के छात्र-छात्राएं प्रैक्टिकल के तौर पर इस डिस्टिलेशन यूनिट मशीन का प्रयोग कर सकेंगे जिससे वेस्ट मटेरियल से कई अच्छे प्रोडक्ट तैयार होंगे।

इंजीनियरिंग विभाग में रखी गई इस मशीन का पूरा नाम फ्लोरल वेस्ट डिस्टिलेशन यूनिट है। इस मशीन में एक बार में 80 से 100 किलोग्राम तक का वेस्ट मटेरियल डालकर उसे कंप्रेस्ड किया जा सकता है। कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित ने बताया कि धार्मिक स्थलों, शादी-विवाह आदि आयोजनों में विभिन्न प्रकार के फूलों से सजावट की जाती है लेकिन उसके अगले दिन यही फूल वेस्ट प्रोडक्ट बन जाते हैं जिन्हें कूड़ा-करकट समझ कर फेंक दिया जाता है। उन वेस्ट फ्लावर्स को इकट्ठा कर इस डिस्टिलेशन यूनिट मशीन के माध्यम से इंजीनियरिंग और फार्मेसी की छात्र परफ्यूम, धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि तरह की तमाम सुगंधित और खुशबू वाले प्रोडक्ट तैयार करेंगे।

फ्लोरल वेस्ट डिस्टिलेशन यूनिट मशीन तैयार करने का श्रेय डॉक्टर अशोक वार्ष्णेय को जाता है जोकि आरोग्य भारती के संगठन महासचिव है उन्होंने पर्यावरण को बचाने और वेस्ट मटेरियल मैनेजमेंट के लिए कई सराहनीय प्रयास किए हैं।

वेस्ट मैनेजमेंट और पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से यह डिस्टिलेशन यूनिट मशीन काफी उपयोगी है। पूरे शहर से एकत्रित किया हुए बेकार और उपयोग हो चुके फ़ूलों से नए प्रोडक्ट तैयार किये जाएंगे।

वहीँ दीक्षांत समारोह पर चल रही तैयारियों पर कुलपति ने कहा कि यह गौरव की बात है कि देश के प्रथम नागरिक और सुरक्षा सलाहकार के रूप में पूरे विश्व में विख्यात दो महान शख्शियत इस समारोह का हिस्सा बन्ने जा रही है। पूरा विश्व विद्यालय परिवार उनके स्वागत के लिए तैयार है।

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