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भीषण गर्मी में यहां हाथी ले रहे हैं स्विमिंग पूल का मज़ा, देखें तस्वीरें

by admin
Elephants are enjoying swimming pool here in the scorching heat, see photos

सूरज की तपिश इस समय कहर बरपा रही है। मनुष्यों के साथ पशु पक्षी भी इस भीषण गर्मी में जुलस रहे है। भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए मनुष्य हर संभव कदम उठा रहे हैं तो हाथी भी गर्मी से राहत पाने के लिए स्विमिंग पूल में मस्ती करते हुए नजर आ रहे है। यह नजारा आप आजकल वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में देख सकते है। जहाँ मौजूद हाथी अपने-अपने निजी स्विमिंग पूल में डुबकी लगा कर गर्मी को मात दे रहे हैं।

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प्रदेश में बढ़ते तापमान को मात देने के लिए, वाइल्डलाइफ एसओएस ने उनके बचाए गए सभी हाथियों के लिए आजीवन देखभाल के तहत अद्भुत व्यवस्थाएं की हैं। मथुरा में एनजीओ के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में इस समय 29 हाथी मौजूद है जिनके पास अपने स्वयं के जंबो स्विमिंग पूल के साथ-साथ पानी की छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर भी हैं जो की उनके बड़े-बड़े बाड़ों को ठंडा रखने में मदद कर रहा है।

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इस भीषण गर्मी में हाथी अपने स्विमिंग पूल में समय बिताते हुए भरपूर आनंद ले रहे है। जहां बूढ़े हाथी ठंडे ताज़ा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद करते हैं वहीँ कुछ हाथी जैसे की चंचल, पीनट, कोकोनट और लक्ष्मी ऐसे भी हैं जो पानी में गोते लगाते रहते हैं और पूल के अंदर रबर के टायरों के साथ खेलते हुए दिखाई देते हैं।

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हाथियों के लिए बना यह पूल 400 वर्ग फुट और 6 फुट गहरे हैं। हाथियों को इनके अंदर आसानी से जाने के लिए, प्रत्येक पूल में एक झुका हुआ रैंप है। गर्मी से राहत प्रदान करने के अलावा, पानी हाथियों के पैरों से अपने भारी वजन को कम करने में भी मदद करता है जिससे उन्हें आराम करने में मदद मिल सके।

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वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी अस्पताल में हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी है। हाइड्रोथेरेपी हाथियों के दर्द भरे जोड़ों और पैरों के लिए एक प्रभावी उपचार है, जो की पानी के चिकित्सीय लाभों का उपयोग करते हुए ट्रीटमेंट का ही एक रूप है, जिससे उन्हें शारीरिक रूप से आराम मिल सके। हाइड्रोथेरेपी मांसपेशियों के दर्द से राहत देने के साथ-साथ मांसपेशियों को प्राकृतिक तरीके से पुनर्निर्माण में मदद करता है।

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हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फुट गहरा है और इसमें 21 हाई प्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं, जो पानी को प्रेशर से फेकते हैं, जिससे हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद मिल सके।

वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी सेंटर में लाये गए हाथियों को सर्कस में प्रदर्शनी, पर्यटकों की सवारी, सड़कों पर भीख मांगने और शादी एवं बारात आदि में इस्तेमाल होने जैसी अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाया गया है। अतीत में, उन्हें अक्सर ऐसे वातावरण में रखा गया जो कि उनके शरीर के लिए नहीं बना है या फिर उन्हें कंक्रीट पर घंटों तक जंजीर में बाँध कर रखा गया जिसकी वजह से कम उम्र में ही इन्हें आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियाँ ने जकड लिया, जिसके कारण वह ज्यादा देर तक खड़े होने या चलने में अत्यधिक दर्द महसूस करते हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु-चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ इलियाराजा ने बताया कि “जंबो पूल के अलावा, हाथियों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है, जिसमें तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी जैसे फल और सब्ज़ी शामिल हैं, जो उन्हें हाइड्रेटीड रखने में मदद करते हैं। हम हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए ग्लूकोज का पानी, इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन और हर्बल दवाएं भी दे रहे हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि “कैद में रहे इन हाथियों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर दिया जाता है। आज यह देखकर हमें सुकून मिलता है कि हमारे प्रयासों से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है l हम किसी भी तरह के संकट में फंसे ऐसे और हाथियों की मदद करना जारी रखेंगे।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी, ने कहा कि “ भीषण गर्मी में आजकल हाथी स्विमिंग पूल में घंटों बिता रहे है और उन्हें पानी में आराम कर रहे है। यह देखकर हमारे दिल को खुशी से भर देता है। हम उन्हें यमुना नदी में भी ले जाते हैं, जिसका वे भरपूर आनंद उठाते हैं और कुछ हाथी तो पानी में अठ्खेलियाँ भी करते हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि “हालांकि अतीत को बदला नहीं जा सकता लेकिन हमारे पशु-चिकित्सक और प्रशिक्षित देखभाल कर्मचारियों की समर्पित टीम इन पुनर्वासित हाथियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है। वाइल्डलाइफ एसओएस का उद्देश्य इन जानवरों को उच्च स्तर की पशु चिकित्सा देखभाल और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करना है।”

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