यूपी में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार के प्रस्ताव के बाद आयोग ने यह फैसला लिया है। अब विधानसभा चुनाव के लिए शिक्षामित्र और अनुदेशकों को ड्यूटी में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही आंगनवाड़ी वर्कर्स की भी ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इन्हें तीसरे चरण के बाद के लिए रिजर्व रखने के निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। हालांकि स्टेट शिक्षा मित्र संघ और संविदा कर्मियों में आक्रोश है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव भेजा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में शिक्षामित्र, अनुदेशक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। यूपी सरकार के इस प्रस्ताव को चुनाव आयोग ने लागू किया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इनको दूसरी या तीसरी श्रेणी में रखा जाए। जरूरत पड़ने पर ही उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से दी गई इस राहत को शिक्षक संगठनों में विरोध के तौर पर लिया जा रहा है।
चुनाव बहिष्कार का ऐलान
शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छोंकर ने कहा है कि सरकार को डर है कि कहीं शिक्षामित्र मिलकर भाजपा को चुनाव में न हरा न दें। इसलिए हमें चुनाव से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि या तो सरकार हमें पोलिंग पार्टियों के साथ ड्यूटी पर लगाए अन्यथा रिजर्व में भी न रखें। नहीं तो उत्तर प्रदेश के 18 लाख संविदा कर्मचारी और शिक्षामित्र चुनाव का बहिष्कार करेंगे।