Agra. 30 दिनों के माह ए पाक रमजान के बाद जब चांद दिखता है तो ईद की तस्दीक होती है। जिसे लोग ईद उल फितर के नाम से जानते हैं। इस दिन लोग ऊपर वाले से खुशी और अमन-चैन की दुआ करते हैं। इस दौरान शहर की मस्जिदों में अमन और भाईचारे के संदेश के साथ दुआएं की जाती हैं, आगरा की ईदगाह मस्जिद पर भी आज सुबह 7 बजे ईद उल फितर की नमाज अता की गई। जिस दौरान शहर के आलाधिकारी व राजनैतिक लोग मौजूद रहे।
कहते हैं ईद अल्लाह से लेने का दिन होता है, इस दिन मुस्लिम समाज के लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं। अगर किसी को एक दूसरे से कोई गिला शिकवा होता है तो गले मिलकर उसे दूर करते हैं, साथ ही अमन का पैग़ाम भी शहर की फिजाओं में छोड़ते हैं। कहा जाता है रोजे रखने से व्यक्ति के अंदर जो बदलाव आता है उसका नतीजा ये होता है कि वह व्यक्ति न सिर्फ अपने बल्कि समाज के लिए भी बेहतर करने की सोचता है। एक हदीस में आया है कि हजरत मुहम्मद साहब जब शव्वाल (ईद का चांद) के चांद को देखते तो कहते, “ऐ मेरे रब इस चांद को अमन-ओ-चैन का चांद बना दे”।
हजरत मुहम्मद मुस्तफा साहब की बात ईद के असल भाव को दर्शाती है। ईद का असली मकसद इंसान की आध्यात्मिकता को बढ़ाना तो है ही साथ में इसका बड़ा लक्ष्य एकता भी है। जहां रमजान में रोजेदार घरों और मस्जिदों में सुबह की नमाज के बाद इबादत करते हैं वहीं, ईद के दिन सुबह से ही चहल-पहल होने लगती है।
घरों में से सेवइयां और अन्य पकवानों की खुशबू आनी शुरू हो जाती है। बच्चे और बड़े नए कपड़े पहनकर ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं।
मुस्लिम भाइयों ने बताया कि ईद उल फितर की नमाज के दौरान देश में अमन चैन बना रहे, कोरोना संक्रमण जल्द खत्म हो और पूरे विश्व में शांति हो इसके लिए भी दुआ की गई है जिससे आपसी भाईचारा बना रहे।
ईदगाह मस्जिद पर नमाज अदा करने के बाद सभी मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे को गले लगाया और ईद की बधाइयां भी दी। इस दौरान अमन चैन बना रहे, भाईचारा बना रहे इसीलिए एक दूसरे के प्रति जो गिले-शिकवे थे उन्हें भी मिटाया गया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी भी मौजूद है जिन्होंने सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की बधाई दी और इस पर्व को अमन-चैन और भाई चारे के साथ मनाने की अपील भी की।
ईद उल फितर की नमाज को लेकर पुलिस व प्रशासन ने भी कड़े इंतजाम बात कर रखे थे। मस्जिदों के आसपास सफाई कराई गई थी तो वहीं भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। सरकार की ओर से इस बार निर्देश थे कि कोई भी धार्मिक कार्यक्रम सड़कों पर नहीं होगा। इसीलिए इस बार सड़क पर भी नमाज अदा नहीं की गई। जिन लोगों को मस्जिद में जगह नहीं मिली वह वापस अपने घर पहुंचे और वहां नमाज अदा की गई। ईदगाह मस्जिद पर जिला अधिकारी पीएन सिंह और एसएसपी सुधीर कुमार खुद मौजूद रहे। जिला अधिकारी ने भी सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की बधाई दी।