Home » झनझनाहट होने पर न निकलवाएं दांत, रूट कैनाल से दांत की हड्डी की रसौली का इलाज भी संभवः डॉ सनिल नाटेकर

झनझनाहट होने पर न निकलवाएं दांत, रूट कैनाल से दांत की हड्डी की रसौली का इलाज भी संभवः डॉ सनिल नाटेकर

by pawan sharma
  • आगरा में संपन्न हुई प्रदेश की पहली रूट कैनाल की जटिलता पर सेमिनार,एंडोडोन्टिक एक्सीलेंस फाउंडेशन ने किया आयोजन
  • 125 से अधिक दंत चिकित्सकों ने लिया भाग, गोवा से आये मुख्य वक्ता डॉ सनिल नाटेकर ने दिया लाइव डेमोस्ट्रेशन
  • माइक्रोस्कोप और लूप्स द्वारा दिया गया लाइव प्रशिक्षण, दांतों की घुमावदार और पतली जड़ों का इलाज संभव

आगरा। आमतौर पर लोग दांतों में झनझनाहट, ठंडा-गरम लगने, दर्द आदि की समस्या से ग्रस्त होते हैं। अक्सर लोग समस्या से निजात पाने के लिए संबंधित दांत निकलवा देते हैं, जबकि आधुनिक तकनीक के दौर में दांत निकलवाने की अब आवश्यकता नहीं है। रबर डेम और माइक्रोस्कोप विधि से रूट कैनाल करके दांतों की मुश्किल से मुश्किल समस्या से निजात पाई जा सकती है। आगरा सहित आस पास के जिलों से आये 125 दंत रोग विशेषज्ञों को ये सलाह दी डॉ सनिल नाटेकर ने।

रविवार को फतेहाबाद रोड स्थित द ताज कनवेंशन सेंटर पर एंडोडोन्टिक एक्सीलेंस फाउंडेशन(ईईएफ) द्वारा प्रदेश की पहली “टैकिल द कर्व्स” विषय पर सेमिनार एवं वर्कशाप का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ एसके कठारिया (एसएन मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग के विभागाध्यक्ष), मुख्य वक्ता डॉ सनिल नाटेकर(गोवा), डॉ आरके त्रिपाठी (प्रिंसिपल एचओडी अलीगढ़ मुस्लिम विवि), डा एसके मिश्रा (एएमयू), डॉ अजय नागपाल (एचओडी केडी डेंटल कॉलेज, मुथरा), डॉ विवेक शाह (अध्यक्ष आईडीए, आगरा), डॉ अनिल वर्मा, डॉ यूनुस खान, ईईएफ अध्यक्ष डॉ सुषमा प्रतिहार, सचिव डॉ असीम शिरोमणि, कोषाध्यक्ष डॉ अमित नारायण ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

सेमिनार के दौरान डॉ सनिल नाटेकर ने बताया कि दांतों की घुमावदार और पतली जड़ों को भी अब रूट कैनाल की नवीनतम तकनीक से बचाया जा सकता है। इतना ही नहीं जिन दांतों में बचपन में चोट लगने के कारण हड्डी में रसौली बन जाती है उसका भी अब बिना चीरे के रूट कैनाल चिकित्सा और बायोसिरेमिक सीलर द्वारा इलाज संभव है।

ईईएफ अध्यक्ष डॉ सुषमा प्रतिहार ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए बताया कि डॉ सनिल नाटेकर विश्व प्रसिद्ध माइक्रो एन्डोडोन्टिस्ट हैं। वे एंडोडोन्टिस्क रिडिफाइंड और एंडो टूल्स के निदेशक भी हैं। विश्व में वे हजारों दंत चिकित्सकों को रूट कैनाल विधि का प्रशिक्षण दे चुके हैं। मीडिया समन्वयक डॉ चकित माहेश्वरी ने बताया कि सेमिनार में आगरा सहित अलीगढ़, हाथरस, ग्वालियर, मथुरा, दिल्ली आदि से करीब 125 दंत चिकित्सक ने सहभागिता की।

आयोजन के दूसरे सत्र में हुयी कार्यशाला में लाइव डेमोस्ट्रेशन द्वारा रूट कैनाल की हर जटिल तकनीक के बारे में डॉ सनिल नाटेकर ने चिकित्सकों को अवगत कराया।
इस अवसर पर मुख्य संयोजक डॉ आशीष गुप्ता, डॉ दीपक कुरुप, डॉ विपुल अरोड़ा, डॉ पुनीत श्रीवास्तव, डॉ श्रेया मल्होत्रा, डॉ दीप्ति श्रीवास्तव, डा. भारत चैहान, डॉ जया पम्बू, डॉ राहुल तेहरिया, डॉ वैभव कृष्ण सिंह आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Comment