आगरा। भले ही देश व समाज आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है लेकिन आज भी गांव-देहात क्षेत्रो में जातिवाद बुरी तरह से हावी है। ग्रमीण क्षेत्रों में आज भी लोगों के बीच जातिवाद और असमानताएं देखने को मिलती है जिन्हें देख व सुनकर लोगों के दिल दहल जाते है। ऐसा ही एक मामला तहसील किरावली के गांव रायभा का है।
नट समाज की महिला का देहांत होने के बाद परिवार के लोग उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान भूमि पर ले गए लेकिन दूसरे समाज के लोगों ने इसमें जातिवाद का जहर घोल दिया। ऊंच-नीच का हवाला देते हुए हंगामा किया और महिला के शव को जलाने नहीं दिया। विवाद की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुँच गयी लेकिन वो भी मूक दर्शक बनी रही। विवाद बढ़ता देख मृतका के परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में चिता से शव को बाहर निकाला और दूरी जगह अंतिम संस्कार किया। पुलिस सिर्फ तमाशा देखती रही।
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मामला तहसील किरावली के गांव रायभा का है। गांव के पास ही नट समाज के लोग रहते हैं। नट समाज की महिला का देहांत होने के बाद ग्रामीणों ने सवर्ण समाज के श्मशान भूमि पर नट समाज की महिला का दाह संस्कार करने ले गए। लोगों ने शव को चिता पर रख दिया और परिवार के लोग मुखाग्नि देने ही वाले थे कि सवर्ण समाज के लोग इकट्ठा होकर श्मशान घाट पहुंच गए। सवर्णों की शमशान भूमि पर शव जलाये जाने का सवर्ण समाज ने विरोध किया तो लोगों में विवाद हो गया। विवाद की सूचना पर पहुंची अछनेरा पुलिस ने दोनों तरफ से मामले को समझा-बुझाकर शांत करवाया। नट समाज को पुलिस द्वारा समझाने के बाद नट समाज ने चिता में से शव को निकाल कर दूसरी जगह ले जाकर अंतिम संस्कार किया।
थाना अध्यक्ष भोलू सिंह भाटी ने बताया कि मौके पर दरोगा गए थे, मामले को समझा-बुझाकर शांत करवा दिया है। किसी प्रकार का कोई वाद-विवाद नहीं है और महिला का दूसरी जगह अंतिम संस्कार करवा दिया है।