Agra. उप्र कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर जिला व शहर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी की बर्खास्तगी व अन्य मांगों को लेकर डिजिटल धरना दिया गया। शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू और जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू ने कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ अपने कार्यालय पर धरना दिया और बाकी कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से इस धरने में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल महोदय से अविलंब बेसिक शिक्षा मंत्री को बर्खास्त किये जाने की मांग की। काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि अभी कोई प्रदर्शन नहीं हो सकता लेकिन डिजिटल धरने के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज तो उठाई जा सकती है।
शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू ने कहा कि शिक्षा मंत्री के भाई ने फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के आधार पर विश्विद्यालय में सहायक प्रोफेसर का पद हासिल कर लिया और यह सब शिक्षा मंत्री की मदद से ही हुआ। कोरोना काल मे जब नौकरी बंद है उस समय उनके भाई को नौकरी मिल गयी। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पंचायत चुनाव में मृत शिक्षा कर्मियों के गलत आंकड़े पेश किए जा रहे है। सरकार उनकी तो मदद नहीं कर रही लेकिन शिक्षा मंत्री के भाई को नौकरी जरूर मिल रही है।

जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू ने कहा कि नैतिकता के आधार पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों को ही इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की अवस्थाओं के चलते प्रदेश में कोरोना काल में हजारों लोगों की मौतें हो गई तो वही शिक्षा मंत्री के भाई को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी मिल गयी।
शहर व जिला अध्यक्ष ने कहा कि 12वीं के इम्तिहान बाद में कराए जाएं पहले वैक्सीन का काम पूरा किया जाए। छात्रों के अभी वैक्सीन नही लगी है। इसके अलावा इंटरमीडिएट के छात्रों की परीक्षा कराए जाने से पूर्व सभी छात्रों व कर्मचारियों का शत प्रतिशत वैक्सीन लगवाई जाए जिससें संक्रमण से बचाव किया जा सके।
उत्तर प्रदेश व्यापार प्रकोष्ठ पश्चिमी जोन के चैयरमैन विनोद बंसल ने भी व्यापार प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल धरना दिया। धरना प्रदर्शन के दौरान सभी ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपना आक्रोश जताया। विनोद बंसल ने कहा कि कोरोना में एआम लोगों के लिए नौकरी नहीं है लेकिन एक मंत्री के भाई को आसानी से नौकरी मिल जाती है। यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली सरकार व्यापारियों का उत्पीड़न करने में लगी हुई है। शिक्षा मंत्री को बर्खास्त किया जाए।