• मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ में दूर दराज से आहूति देनें आ रहे हैं श्रद्धालु
• श्रीमद्भागवत कथा व रासलीला का भी हो रहा आयोजन
आगरा। शास्त्रीपुरम में आयोजित महामायी कामाख्या देवी के 108 कुण्डीय महायज्ञ में श्रीहरि की भक्ति के रंग भी बिखर रहे हैं। रासलीला में आज कालिया नाग मर्दन की लीला देख हर श्रृद्धालु श्रीहरि की भक्ति में डूबा नजर आया। वहीं रासलीला में मयूर नृत्य और महारास की लीला देख भक्तजन भी भक्ति में झूमने और नाचने लगे। रासलीला में श्रीकृष्ण की बाल लीला, पूतना वध का भी मंचन किया गया। वहीं प्रातः 108 कुण्डीय महायज्ञ में महामायी कामाख्या के जयकारों से महायज्ञ परिसर गुंजायमान हो उठा। प्रतिदिन 108 दुर्गा सप्तशति पाठ का वाचन किया जा रहा है।
महायज्ञ स्थल पर श्रीमद्भावत कथा में कथा वाचक संजय शास्त्री ने भक्त ध्रुव के चरित्र व श्रीहरि के नाम की महिमा का वर्णन किया। ध्रुव की माता सुनीति व सुरुति के नामों की वर्णन करते हुए कहा कि सुनीति का अर्थ है जो अपने सद्विचारों को दूसरों के विचार से जोड़ दे और सुरुचि वह जो हर काम में चतुराई रखती है। सिर्फ अपने बारे में सोचती हो। नारी एक समुन्द्र और गंगा के समान है। कहा सुदामा के नरसिंह और मीरा बाई के पास कुछ नहीं था। फिर भी वह खुश थे। हम जीवन में बहुत कुछ करते हैं लेकिन संतुष्ट नहीं है। जो इच्छाओं को दौड़ा रहा है वह दुखी और और इच्छाओं को शांत रखे वह सुखी। सुनीति और सुरुचि में यही फर्क था। पागल होना है तो भगवान की भक्ति में हो जाओ। दुनिया में सब कुछ मिल जाएगा। जीने के लिए खाओ, खाने के लिए मत जीओ। जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ ऐसा करो जिससे लोग तुम्हें तुम्हारे बाद अच्छे कर्मों के लिए याद रखे। चार वर्ष के बालक ध्रुव को ऋषि नारद जी ने बताया कि तपस्या से राम मिलेगा और आज हम कलयुग में भगवान को नहीं ढूंढ पाते क्योंकि हमारी आंखों पर काम क्रोध मोह लोभ की पट्टी बंधी है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के मुरारीप्रसाद अग्रवाल, सुरेशचंद गर्ग, वंदना मेड़तवाल, अजय गोयल, राहुल अग्रवाल, शम्भूनाथ चैबे, उमेश अग्रवाल, अवि गोयल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, डॉ. सुभाष भारती, प्रीतम सिंह लोधी, जयशिव छोकर, मुन्ना मिश्रा, वीरेन्द्र मेड़तवाल, दिव्या मेढतवाल, सीमा गोयल, रीया आदि उपस्थित थे।
हर मनोकामना पूर्ण करने वाली हैं महामायी कामाख्या
महामाई कामाख्या देवी के 108 कुण्डीय महायज्ञ में प्रतिदिन 108 दुर्गासप्तशति के पाठ के साथ गायत्री मंत्र, श्रीगणेश, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, मां कामाख्या के मंत्रों के प्रतिदिन जाप से वातावरण में एक अनूखी आभा का विस्तार हो रहा है। संत स्वामी श्री कीर्तिनाथ जी महाराज जी ने बताया महामायी का महाकुम्भ चल रहा है। ब्रज क्षेत्र के श्रद्धालुओं को महामायी ने अपना आंचल व गोद प्रदान की है। अपनी मनोकामना के लिए हर श्रद्धालु एक आहूति अवश्य करें।