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हैदराबाद की चारमीनार में नमाज़ की मांग पर बोले देवकीनंदन ठाकुर- ‘हमें जामा मस्ज़िद में करनी है भागवत’

by admin
Devkinandan Thakur said on the demand of Namaz in Charminar of Hyderabad- 'We have to do Bhagwat in Jama Masjid'

आगरा (01 June 2022 Agra News)। आगरा में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, हमें जामा मस्ज़िद में करनी है भागवत कथा’। बोले, ज्ञानवापी मतलब शिव का मंदिर।

आगरा में की प्रेसवार्ता
कांग्रेस नेता द्वारा हैदराबाद की चारमीनार को खोलने और उसमें नमाज पढ़ने की मांगी गई इजाजत को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि ‘यदि नमाज की अनुमति दी गई तो हम भी जामा मस्जिद में भागवत कथा कराने की मांग करेंगे।’ आगरा आए देवकीनंदन ठाकुर प्रेस वार्ता में मथुरा व काशी में चल रहे मंदिर और मस्जिद के विवाद को लेकर कई बिंदुओं पर विस्तार से अपनी बात रख रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट में डाली याचिका
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) है या मंदिर इसको लेकर इन दिनों चल रहे विवाद के बीच 1991 पूजा स्थल (विशेष अधिनियम) एक्ट को लेकर भी अलग-अलग धर्मों के धर्म गुरुओं में बयान बाजी देखी जा रही है। वहीं इस कानून को चुनौती देते हुए कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली है जिसमें से एक नाम ब्रज क्षेत्र के प्रमुख संत देवकीनंदन ठाकुर का भी है।

मथुरा—काशी का फैसला हमें मंजूर होगा
कमला नगर स्थित एक आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक देश है और यहां पर किसी भी विवाद या समस्या को नियम पूर्वक समझाने के लिए कोर्ट के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र पर भीड़ तंत्र हावी हो जाएगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को मथुरा और काशी के मामलों में कानूनी तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए और उसका जो भी फैसला आएगा वह हमें मंजूर है।#agranews

जामा मस्जिद में करेंगे भागवत
हैदराबाद में चारमीनार स्मारक पर नमाज अदा करने की अनुमति मांगे जाने पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि ऐसा न करें। यदि आप ऐसा करेंगे तो फिर हम सनातनी हिंदू जामा मस्जिद में श्रीमद् भागवत कथा करने की अनुमति मांगेंगे फिर आपको भी तकलीफ होगी।#devkinandanthakur

ओवैसी पर लगे आजीवन प्रतिबंध
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जिस तरह से भड़काऊ भाषण देकर समाज को भड़काने का काम करते हैं, उसे देखते हुए मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनकी राजनीति पर आजीवन प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

भारत के अलावा हम कहां जाएं
ज्ञानवापी विवाद के बाद एक विशेष धर्म से जुड़े गुरुओं की कोई सभा को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने सवाल खड़ा किया कि उनके मुखिया ने यह कहा कि जिन लोगों को हम से तकलीफ है वे यह देश छोड़कर चले जाएं। देवकीनंदन ने सवाल किया कि क्या ये धर्मगुरुओं का संदेश है। हम अपना देश छोड़ कर कहाँ जाए। हम हिंदुओं का तो सिर्फ यही एक देश है। अगर छोड़कर जाना है तो वे लोग छोड़कर चले जाएं उनके पास तो उनके धर्म के 56 देश हैं। वास्तव में इन धर्मगुरुओं को समस्या का हल नहीं चाहिए बल्कि वे समाज को भड़काना चाहते हैं।

‘ज्ञानवापी अर्थात शिव का मंदिर’
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि ज्ञानवापी शब्द से ही मालूम पड़ता है कि हमारे शिव का मंदिर है। हमारे साथ कितना बड़ा अन्याय हो रहा है कि शिव का प्रतीक शिवलिंग पर यह लोग वजू करते रहे। ऊपर से हमें ही धमकाया जा रहा है। ये लोग कानून को न मानकर शरीयत से चलने की बात कह रहे हैं। ऐसे लोगों पर सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए।

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