आगरा। थाना एत्माद्दौला के अंतर्गत रामबाग स्थित यमुना नदी किनारे आज सुबह तमाम मृत मछलियां दिखाई दीं। यमुना नदी में मछलियों को आटा डालने आए लोगों ने जब इन मृत मछलियों को देखा तो इस दृश्य ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। लोगों ने यमुना किनारे मृत मछलियों की जांच कराने की बात कही है ताकि सही रिपोर्ट सामने आ सके कि मछलियां क्यों मर रहीं हैं। बताते चलें कि इससे पहले भी यमुना नदी में हजारों की संख्या में मछलियों के मरने का मामला सामने आया था लेकिन उस समय अधिकारियों ने मछलियों को कहीं और से बहकर आने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था।
यमुना नदी के रामबाग स्थित पुल के नीचे रोजाना सुबह कई लोग मछलियों को आटा डालने आते हैं। आज मंगलवार सुबह भी वह लोग वहां पहुंचे तो नदी किनारे दर्जनों मछलियां मृत अवस्था में तैर रही थी जिसमें छोटी से लेकर करीब 2 फीट तक की मछलियां मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। यह देख कर लोग हिल गए। लोगों का कहना था कि यमुना नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है जिसकी वजह से यह मछलियां मर रही हैं।
मछलियों को आटा डाल रहे कुछ लोगों ने यह भी बताया कि अभी तो यहां पर सिर्फ दर्जनों मृत मछलियां तैर रही हैं लेकिन एक-दो दिन पहले यहां पर हजारों की संख्या में मछलियां मृत पड़ी हुई थी जिन्हें पकड़ने के लिए करीब सैकड़ों की संख्या में मछुआरे यमुना नदी किनारे 2 दिन से डेरा लगाए बैठे थे और इन मछलियों को यहां से ले जाकर बाजार में बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन पहले यमुना नदी में भारी बदबू और गंदा पानी भी आ रहा था। उन्हें आंशका है कि कहीं न कहीं यमुना नदी किनारे फाउंड्री नगर क्षेत्र में स्थित सभी फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल का पानी इन मछलियों के मरने का कारण बन रहा है।
बहरहाल यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि यमुना नदी किनारे मिली मृत मछलियों को मौके पर डेरा जमाए बैठे तमाम मछुआरे अपने साथ ले गए और उन्हें बाजार में बेच रहे हैं। अगर किसी केमिकल जहर से इन मछलियों की मौत हुई है तो इन मछलियों को खाने वाले लोगों के अंदर भी यह जहर जाएगा, जिसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वह इन मृत मछलियों की घटनाओं को गंभीरता से लें और इसकी जांच करें ताकि यमुना और अधिक प्रदूषित होने या उस में गिरने वाले केमिकल जहर को रोका जा सके।