आगरा। बरहन थाना क्षेत्र के आंवलाखेड़ा में आर्यव्रत बैंक में हुई डकैती का आगरा पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आगरा पुलिस ने डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है तो वहीं डकैती की वारदात में शामिल फरार चल रहे दो बदमाशों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए हैं। पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों से ₹75000 नगद और पांच देसी तमंचा के साथ तीन जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है। एसएसपी बबलू कुमार ने प्रेस वार्ता कर डकैती की वारदात का खुलासा किया।
प्रेस वार्ता के दौरान एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि 29 जनवरी को दिनदहाड़े आवल खेड़ा स्थित आर्यव्रत बैंक में डकैती हुई थी। इस मामले में बैंक प्रबंधक राकेश कुमार माहेश्वरी ने थाना बरहन में मुकदमा दर्ज कराया था। दिनदहाड़े डकैती की वारदात के खुलासे के लिए कई टीमें लगाई गई थी और बुधवार को इसमें सफलता हाथ लगी। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मुखबिर से थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि बैंक डकैती की वारदात में शामिल शातिर बदमाश रूपधनु गांव में एसएस कोल्ड स्टोर पर बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहे हैं। मुखबिर खास से मिली सूचना पर पुलिस ने रूपधनु नहर के पास घेराबंदी की और नहर पर बैरियर डालकर चैटिंग करना शुरू कर दिया। इस दौरान तेज गति से दो बाइक के आती हुई दिखाई दी पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो पुलिस को देखकर बाइक सवार बदमाशों ने जान से मारने की नीयत से पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस को देखकर बाइक सवार बदमाशों ने तुरंत ब्रेक लगाकर बाइक को मोड़ने का प्रयास किया तो दोनों बाइक आपस में भिड़ गई और बदमाश गिर गए। पुलिस को अपनी तरफ आते देख बदमाश भागने लगे पुलिस ने आवश्यक बल का प्रयोग करते हुए भागते हुए 3 बदमाशों को तो पकड़ लिया लेकिन दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।
पकड़े गए तीनों शातिर बदमाश से तीन देसी तमंचे तीन जिंदा कारतूस और लगभग ₹75000 नगद बरामद किए हैं। प्रेस वार्ता के दौरान एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपी गगन, राजू और भानु को गिरफ्तार किया गया है तो वहीं फरार अभियुक्त सुल्तान और नरेश की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने ही 29 जनवरी को आर्यव्रत बैंक में दिनदहाड़े डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। लगभग ₹3 लाख 10 हज़ार उन्होंने लूटे थे और आपस में बांटकर फरार हो गए थे। इस पूरी घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने दो बाइक का इस्तेमाल किया था जिनकी नंबर प्लेट बदल दी गई थी।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों का कहना था कि वह अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए बाइकों का इस्तेमाल करते हैं जिससे उन्हें भागने में आसानी हो लेकिन पकड़ में नहीं आए, इसके लिए उनकी नंबर प्लेट बदल दी जाती थी।