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डग्गेमारी – अवैध वाहनों के संचालन को लेकर दो गुटों में हुआ संघर्ष, युवक को घेरकर पीटा

by pawan sharma

Agra. कुबेरपुर के पास डग्गेमार और अवैध वाहनों का संचालन करने वाले दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हो गया है। कुबेरपुर के पास नोएडा और दिल्ली के लिए दबंगई के बल पर बसों और कारों का संचालन किया जाता है। यहां पर कई बार रोडवेज अधिकारियों और कर्मचारियों ने अवैध स्टॉपेज और डग्गेमारी को खत्म करने के प्रयास किए हैं लेकिन सफलता आज तक नहीं लगी। अब यहां पर डग्गेमारी और अवैध रूप से वाहनों के संचालक को लेकर दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष छिड़ गया है जिसका शिकार आज एक युवक बन गया। बीच बचाव के दौरान दूसरे पक्ष के व्यक्ति के लग जाने पर दूसरे पक्ष के लोगों ने उसे युवक की पिटाई करना शुरू कर दिया। मामला रफा दफा हुआ लेकिन दबंगों ने कुबेरपुर गांव में उसे घेर लिया। लाठी डंडे और हथियार लेकर उसके ऊपर टूट पड़े घायल। नाजुक अवस्था में उसे आगरा के जिला अस्पताल लाया गया था।

घायल युवक को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे युवक शुभम सिकरवार ने बताया कि कुबेरपुर हाईवे पर उनकी गाड़ियां चलती हैं लेकिन दूसरे पक्ष के रवि, अजय, संदीप और अमित के साथ मिलकर उन्होंने तीन बार उनकी सवारियों से भरी हुई गाड़ी को खाली कर दिया। इस पर विवाद होने लगा। विवाद को बढ़ता देख कुलदीप (घायल युवक) बीच बचाव करने आ गया। इसी दौरान उसके हाथ से दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति को धक्का लग गया और वह गिर गया। जिससे उसे चोट आ गई। इसी बात पर वाद विवाद बढ़ता चला गया। मौके पर मारपीट भी हो गई लेकिन बाद में सुलह हो गई थी।

कुबेरपुर गांव में घेरकर की मारपीट

घायल युवक के साथ आए लोगों ने बताया कि मामला शांत होने के बाद कुलदीप कुबेरपुर गांव की तरफ चला गया, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने साथियों को बुला लिया। लगभग 30 से 40 लोग उसके पीछे पड़ गए और कुबेरपुर गांव में गिराकर उसके साथ मारपीट की। लाठी डंडे और धारदार हथियारों से उसके पर हमला किया। बमुश्किल उन दबंग के चंगुल से कुलदीप को निकाला गया और इलाज के लिए आगरा लाया गया। एसएन हॉस्पिटल ले जाने पर वहां के चिकित्सकों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मामला पुलिस से जुड़ा होने पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार तो कर दिया लेकिन उसका मेडिकल नहीं किया।

पुलिस मामले को टालती रही

घायल के साथ आए लोगों ने बताया कि इस घटना की एत्मादपुर पुलिस को सूचना दी गई लेकिन पुलिस मामले को हल्के में ले गई। जिसके चलते उसके इलाज और मेडिकल में देरी हुई। मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस हरकत में आई और तहरीर लेकर कार्यवाही शुरू कर दी।

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