उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के जसराना स्थित सुरेला गांव में मगरमच्छ देखे जाने के बाद वाइल्डलाइफ एसओएस और वन विभाग ने 6 फुट लंबे मगरमच्छ का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। मगरमच्छ को कुछ देर बाद वापस अपने प्राकर्तिक आवास में छोड़ दिया गया।
इस सप्ताह की शुरुआत में ही, गाँव में एक मगरमच्छ को घूमते देखे जाने के बाद सुरेला गांव के निवासी दहशत में आ गए। वन विभाग को इस घटना के बारे में तुरंत सतर्क किया गया, जिन्होंने बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम से हेल्पलाइन नंबर (+91-9917109666) पर संपर्क किया।
एनजीओ की तीन सदस्यीय टीम, वन विभाग के अधिकारियों के साथ बचाव अभियान चलाने के लिए घटनास्थल पर पहुंची। मगरमच्छ को सावधानी से पिंजरे में कैद किया गया और बाद में अपने प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “मगरमच्छ खेतों के समीप बहने वाली नहर के माध्यम से गांव तक पहुंचा था। यह आवश्यक है कि हम जंगली जानवरों की उपस्थिति के प्रति संवेदनशील रहें और उनकी मौजूदगी देख धैर्य बनाये रखें। हमें इंसान और जानवर के बीच के इस संघर्ष की स्थितियों को कम करने में वन विभाग की सहायता करने में प्रसन्नता है।”
जसराना, फिरोजाबाद के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, सुरेंद्र सारस्वत ने कहा, “हमें खुशी है कि मगरमच्छ को सुरक्षित रूप से बचा लिया गया और एक अधिक उपयुक्त आवास में छोड़ दिया गया जहां यह पनप सकता है। हम इस तरह के संवेदनशील रेस्क्यू ऑपरेशन के संचालन में विशेषज्ञ सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम के आभारी हैं।”
मगर क्रोकोडाइल (मगरमच्छ), जिसे मार्श क्रोकोडाइल भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप, श्रीलंका, बर्मा, पाकिस्तान और ईरान के कुछ हिस्सों का मूल निवासी है। यह आमतौर पर मीठे पानी के वातावरण जैसे नदियों, झीलों, पहाड़ी नदियों, गाँव के तालाबों और मानव निर्मित जलाशयों में पाया जाता है।